संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम में गुटबाजी एवं सलूंबर विधानसभा उपचुनाव के टिकट वितरण पर खुलकर बोले देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष।
उदयपुर। उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि संविधान बचाओ रैली में आदिवासियों की अनदेखी का झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले नेता अपने निजी स्वार्थ के कारण कांग्रेस को कमजोर कर रहे है। और आलाकमान को भ्रमित कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए है। इससे श्रेत्र में कांग्रेस कमजोर हों रही है। संविधान बचाओ रैली में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं हुई है। जो लोग दिल्ली जाकर आलाकमान को भ्रमित कर रहे है उनको यह सोचना चाहिए कि उदयपुर में संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम हुआ था, जो कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कार्यक्रम था और उसी दिन प्रदेश प्रभारी जी और प्रदेश अध्यक्ष जी के नेतृत्व में प्रातः डूंगरपुर में आदिवासी सम्मेलन भी हुआ था। उसमें जो भी वक्ता रहे थे उनमें अधिकतर वक्ता आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। उदयपुर में संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम था जो कि सम्पूर्ण कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कार्यक्रम था। और उदयपुर के संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम में भी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हीरा लाल दरांगी, ऋषभदेव ब्लॉक अध्यक्ष रूप लाल मीणा, युवा नेता डॉ दिव्यानी कटारा, पूर्व मंत्री डॉ मांगी लाल गरासिया का भी उद्बोधन था। क्या ये सभी सम्मानित नेता आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते है? इनको संज्ञान होना चाहिए कि केवल झूठा माहौल बनाने के लिए आलाकमान को भ्रमित करना भी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। दिल्ली जाने वाले सभी नेता अपनी निजी राजनीति के लिए और परिवार वाद के लाभ में क्षेत्र में कांग्रेस को कमजोर करने का काम कर रहे है। श्री रघुवीर सिंह मीणा के पिता श्री देवेंद्र मीणा को कांग्रेस पार्टी ने चार बार विधानसभा में जाने का अवसर दिया। स्वयं श्री रघुवीर सिंह मीणा सलूंबर से छह बार विधायक का चुनाव लड़े और तीन बार आलाकमान ने उन्हें लोकसभा का भी प्रत्याशी बनाया। यही नहीं उनकी पत्नी श्रीमती बसंती देवी मीणा भी सलूंबर से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधायक का चुनाव लड़ी है। साथ ही श्री रघुवीर सिंह मीणा को आलाकमान ने राजस्थान युवा कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया। 2008 से 2013 तक वे प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं उसके बाद प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष भी रहे है। सलूंबर उपचुनाव में टिकट वितरण को लेकर वो बेवजह ही झूठा माहौल बनाकर केवल सहानुभूति हासिल करना चाहते है। जबकि श्री रघुवीर सिंह मीणा स्वयं दो बार कांग्रेस की सर्वोच्च कमेटी सीडबल्यूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) के सदस्य भी रहे है। उन्हें अच्छी तरह पता है कि जब किसी विधानसभा क्षेत्र से इतने कद्दावर नेता का नाम विधायक प्रत्याशी के लिए जाता है तो उसका फैसला जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष या और कोई नेता नहीं लेता है। ऐसे क्षेत्र में टिकट का फैसला राजस्थान प्रभारी एवं स्वयं आलाकमान लेते है वो इस बात को अच्छी तरह से जानते है लेकिन मेवाड़ में झूठा माहौल बनाकर कांग्रेस को कमजोर कर रहे है। ऐसे में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के वरिष्ठ नेता डॉ सी पी जोशी का नाम टिकट वितरण में बेवजह घसीट कर केवल चर्चा में रहना चाह रहे है। जबकि इस बार के सलूंबर उपचुनाव में उनके और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा क्या कार्य किया गया है ये सभी को पता है। जब कांग्रेस पार्टी ने उप चुनाव में अपना प्रत्याशी रेशमा मीणा को बनाया उस दिन से मतदान तक केवल एक-दो बार आकर उन्होंने केवल औपचारिकता पूरी करी है। जब उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की सभा हुई तब सभा को सफल बनाने में उन्होंने कितनी भागीदारी निभाई ये वो खुद जानते है। जिस संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के वरिष्ठ नेता डॉ सी पी जोशी का नाम लेकर गुटबाजी की बात करने वाले श्री रघुवीर मीणा जी खुद उस कार्यक्रम में कितनी लेट आए ये वो आलाकमान को जाकर बताए। जब प्रदेश प्रभारी जी और प्रदेश अध्यक्ष जी आने वाले थे उससे ठीक पहले आए जबकि कार्यक्रम सायं 5 बजे ही शुरू हो गया था, जो भी वरिष्ठ नेता चाहे आदिवासी समाज से हो या किसी अन्य समाज से जो भी पहले आए उन सभी का उद्बोधन उस कार्यक्रम में हुआ था। श्री रघुवीर सिंह मीणा को यह भी पता है कि उस दिन पूरे संभाग का कार्यक्रम था, कांग्रेस पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता 150 से 200 किलोमीटर दूर से दोपहर में ही आने लग गए थे और जब किसी कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी जी और प्रदेश अध्यक्ष जी का आगमन हो जाता है तो उस कार्यक्रम का पूरा प्रोटोकॉल उनके अनुसार शुरू हो जाता है। ऐसे में उनके आने के बाद सभी का उद्बोधन हो ऐसा संभव नहीं है, इसी के लिए कार्यकम को जल्दी शुरू करवाकर वरिष्ठ नेताओं का उद्बोधन करवा लिया जाता है। जब वे खुद ही कार्यक्रम में देर से आए और दोष डॉ सी पी जोशी जी पर मढ़े तो ये सरासर झूठा, मनगढ़ंत और कांग्रेस को कमजोर करने की सोची समझी रणनीति के तहत किया हुआ लगता है। मुझे उपचुनाव में टिकट नहीं मिला, मुझे संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम में बोलने का अवसर नहीं दिया कहने वाले नेताओं को पहले ये सोचना चाहिए कि आज लगभग 50 सालों से कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें और उनके परिवार को ही क्षेत्र में विधायक का प्रत्याशी बनाया गया उसके बावजूद 2013 से आज तक छह चुनाव में कांग्रेस वहां से क्यों नहीं जीत पा रही है? श्री रघुवीर सिंह मीणा को पहले दिल्ली जाकर आलाकमान को सलूंबर में उनके लगातार मौका दिए जाने के बाद भी कांग्रेस कमजोर क्यों हो रही थी इसका भी जवाब देना चाहिए।
श्री चौधरी ने यह भी कहा कि अपने निजी स्वार्थ के लिए डॉ सी पी जोशी जैसे बड़े नेता का नाम लेकर ओछी राजनीति कमरे वालों के कारण ही मेवाड़ में कांग्रेस कमजोर हो रही है। और जल्द ही वे स्वयं भी जयपुर और दिल्ली जाकर बड़े नेताओं से इस विषय पर बात करेंगे।
जिला अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने कहा की ये जो कांग्रेस नेताओ की दिल्ली टिम गई उसमें वो नेता हे जिन्हें आदिवासी समाज के युवाओ और मतदाताओ ने पिछले तीन तीन चुनाव में अपना नेता नहीं मानकर वोट नहीं दिया और चुनाव में हराया।
सलूंबर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रही रेशमा मीणा ने भी पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा द्वारा टिकट वितरण और संविधान बचाओ रैली कार्यक्रम में डॉ सी पी जोशी का बेवजह नाम लेकर क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। रेशमा मीणा ने कहा कि उपचुनाव में श्री रघुवीर सिंह मीणा ने क्या किया है इसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्होंने चुनाव प्रभारी को दे दी है। और श्री मीणा ने उपचुनाव में केवल औपचारिकता पूरी करी थी और पार्टी को कमजोर करने का काम किया था इसी का नतीजा है कि कांग्रेस को उपचुनाव में तीसरे स्थान पर आना पड़ा।