काव्य संकलन “गागर बनी सागर“ का विमोचन- राष्ट्रसंत पुलकसागर का मिला आशीर्वाद

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Published on : 24 Jul, 25 15:07

काव्य संकलन “गागर बनी सागर“ का विमोचन- राष्ट्रसंत पुलकसागर का मिला आशीर्वाद

उदयपुर। देश के प्रमुख 193 साहित्यकारों की काव्य रचनाओं से सुसज्जित एवं राजेंद्र डागा द्वारा संपादित काव्य संकलन “गागर बनी सागर” का विमोचन नगर निगम प्रांगण में आयोजित ज्ञान गंगा महोत्सव के विशाल मंच पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए इस प्रकाशन को साहित्य सेवा का उत्तम उदाहरण बताते हुए प्रशंसनीय प्रयास बताया।
राष्ट्रसंत के साथ राजस्थान के जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, चातुर्मास समिति अध्यक्ष विनोद फांदोत व मंत्री प्रकाश सिंघवी, स्माइल्स फॉर ऑल ट्रस्ट की अध्यक्ष इंदिरा डागा समाजसेवी व जेएसजी इंटरनेशनल के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर सी मेहता, महावीर जैन जागृति परिषद के डॉ. हिम्मतलाल वया, वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश तातेड व आशा पांडे ओझा ’आशा’, राजेंद्र डागा, उप महापौर व  मुख्य संयोजक पारस सिंघवी, ओसवाल छोटे साजन सभा अध्यक्ष प्रकाश कोठारी, ओसवाल बड़े साजन सभा मंत्री आलोक पगारिया, लालसिंह झाला, गजेंद्र भंसाली,  विजयसिंह खमेसरा, शांतिलाल मानोत आदि गणमान्य महानुभावों ने शुभ हस्तों से इस संग्रहणीय संकलन का विमोचन किया।
 इस अवसर पर संपादक राजेंद्र डागा ने इस विशाल राष्ट्रस्तरीय मंच पर अवसर प्रदान करने के लिए आचार्य पूज्य गुरुदेव पुलकसागर एवं अध्यक्ष विनोद फांदोत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस संकलन में पद्य की सभी विधाओं यथा कविता, गीत, गजल, दोहे, हाइकु आदि का समावेश किया गया है तथा रचनाओं के साथ संबंधित लेखक का फोटो सहित संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है, जो इस संकलन को और अधिक पठनीय एवं उपयोगी बनाता है।
संकलन प्रकाशक “स्माइल्स फॉर ऑल ट्रस्ट” अध्यक्ष इंदिरा डागा ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा शीघ्र ही एक कॉफी टेबल बुक “मेवाड़ रा रत्न“ का प्रकाशन किया जाएगा, जिसमें मेवाड़ के प्रमुख, प्रबुद्ध एवं प्रभावशाली एसे महानुभावों का प्रेरणादायी सचित्र जीवन परिचय प्रकाशित किया जाएगा जिन्होंने अपने संघर्ष, समर्पण, परिश्रम जैसे सद्गुणों के बल पर जीवन में अप्रतिम सफलताएं अर्जित करने के साथ मानव समाज की दशा व दिशा बदलने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अंत में राजेंद्र डागा ने सभी प्रतिभागी साहित्यकारों को इस प्रकाशन की बधाई देते हुए सभी विमोचनकर्ताओं का आभार प्रकट किया, विशेष रूप से राष्ट्रसंत मनोज्ञाचार्य  पूज्य गुरुदेव के प्रति सम्मान एवं श्रद्धा प्रकट की।


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