पहले दिन की प्रस्तुतियों में मुजफ्फर रहमान द्वारा ताल वाद्य कचहरी की बात करें तो इसमें अवनाद वाद्य यंत्रों को प्रयोग होता है।

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Published on : 24 Jul, 25 09:07

पहले दिन की प्रस्तुतियों में मुजफ्फर रहमान द्वारा ताल वाद्य कचहरी की बात करें तो इसमें अवनाद वाद्य यंत्रों को प्रयोग होता है।

दरअसल, अवनाद वाद्य यंत्र चमड़े या झिल्लीदार सामग्री से मढ़े होते हैं। इनमें ंतबला, पखावज, ढोलक, नगाड़ा आदि शामिल हैं। इन वाद्यों पर कलाकार एक निश्चित ताल में प्रस्तुति देते हैं। ताल वाद्य कचहरी में भारतीय शास्त्रीय संगीत के अन्तर्गत पारम्परिक तरीके किसी ताल मे सर्वप्रथम पेशकार, कायदे रेले, गतें बजाई जाती हैं। इसके अंत में एक चुनिंदा धुन पर प्राचीन लग्गियां और लड़ियां कला प्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर देती हैं।
मुजफ्फर रहमान के निर्देशन में ‘ताल वाद्य कचहरी’ की प्रस्तुति देश के प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में दी जा चुकी है। इतना ही नहीं, इसे तमाम कार्यक्रमों में बहुत सराहा जा चुका है।


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