हरियाली तीज पर श्रीगंगानगर में वृहद पौधारोपण से साकार होगी मुख्यमंत्री की हरित राजस्थान की संकल्पना

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Published on : 24 Jul, 25 06:07

27 जुलाई को नगर विकास न्यास क्षेत्र में होगा वन महोत्सव का जिला स्तरीय कार्यक्रम

हरियाली तीज पर श्रीगंगानगर में वृहद पौधारोपण से साकार होगी मुख्यमंत्री की हरित राजस्थान की संकल्पना

श्रीगंगानगर। एक पेड़ मां के नाम और हरियालो राजस्थान अभियान के तहत हरियाली तीज के अवसर पर श्रीगंगानगर में 27 जुलाई 2025 को जिलेभर में वृहद स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वन विभाग द्वारा जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम का आयोजन एफ-1 छोटी स्थित नगर विकास न्यास एसटीपी के पीछे किया जाएगा। समस्त उपखंड स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उपवन संरक्षक श्री राकेश दुलार ने बताया कि मिशन हरियालो राजस्थान के अंतर्गत जिले में 15 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसमें वन विभाग, विभिन्न सरकारी विभागों के साथ-साथ आमजन की भी सहभागिता रहेगी। उन्होंने बताया कि हरियाली तीज पर श्रीगंगानगर में वृहद पौधारोपण से माननीय मुख्यमंत्री की हरित राजस्थान की संकल्पना साकार होगी। जिला स्तरीय कार्यक्रम के साथ-साथ समस्त उपखंड क्षेत्रों में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रमों में 6 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
साथ ही श्री दुलार ने आमजन और जिले के समस्त पर्यावरणप्रेमियों से आह्वान किया है कि वे हरियालो राजस्थान के तहत आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होकर अधिक से अधिक पौधारोपण करें। रोपे गए पौधों की नियमित सार-संभाल करें और हरियालो राजस्थान मोबाइल एप के माध्यम से लगाए गए पौधों की जिओ टैगिंग भी करें। उन्होंने बताया कि जिओ टैगिंग करने से पौधों की सार-संभाल सुनिश्चित हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी सोच अब राजस्थान की जलवायु और पर्यावरण की दिशा में बदलाव की कहानी लिख रही है। हाल ही में प्रस्तुत राजस्थान का पहला ग्रीन बजट इस दिशा में ऐतिहासिक पहल है। बजट में राज्य के कुल खर्च का 11.34 फीसदी यानी 27,854 करोड़ रुपए ग्रीन ग्रोथ परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। साथ ही जलवायु अनुकूलन योजना और क्लाइमेट चेंज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भी की जा रही है।
इसी क्रम में पिछले वर्ष प्रदेश भर में 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इस वर्ष 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ‘एक पेड़ मां के नाम, ‘मातृ वन‘ और ‘स्मृति वन‘ जैसी अवधारणाओं ने इस सरकारी अभियान को जन-भावनाओं से जोड़कर पर्यावरणीय जनांदोलन का रूप दे दिया है। इसके लिए एक विशेष हरियालो राजस्थान मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिससे नागरिक अपने द्वारा लगाए गए पौधों की मॉनिटरिंग कर सकते हैं। 


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