उदयपुर, जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक बुधवार को जिला परिषद सभागार में जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ अशोक आदित्य की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिले के चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक स्तर के पीएचसी-सीएचसी प्रभारी एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में सीएमएचओ ने गर्भवती महिलाओं का प्रथम त्रैमासिक में ही पंजीकरण सुनिश्चित करने, मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु माइक्रो प्लान बनाकर गतिविधियां संचालित करने और आयुष्मान योजना के तहत अधिकतम रोगियों को शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिले के नौ ब्लॉकों के 109 गांव संवेदनशील चिन्हित किए गए हैं, जहां विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. रागिनी अग्रवाल ने नसबंदी मामलों में वृद्धि हेतु आशा, एएनएम और सीएचओ को हर माह कम से कम एक केस करवाने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्रों एवं चयनित ब्लॉकों में पीपीआईयूसीडी में सुधार के निर्देश भी दिए गए।
संस्थागत प्रसव बढ़ाएं, एंटी लार्वा एक्टिविटी एवं फॉगिंग अभियान तेज़ करें
बैठक में आरसीएचओ डॉ. राकेश गुप्ता ने कोटडा व वल्लभनगर में समय पर एएनसी पंजीकरण और संस्थागत प्रसव बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि कम डिलीवरी वाले क्षेत्रों में आशाओं और एएनएम की जवाबदेही तय की जाएगी। डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. अक्षय व्यास ने टीकाकरण दर को 92ः से बढ़ाकर 95ः तक पहुँचाने के निर्देश दिए। वहीं, मलेरिया और डेंगू की रोकथाम हेतु एंटी-लार्वा एक्टिविटी और फॉगिंग अभियान तेज करने के भी निर्देश दिए गए।
एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ. प्रणव भावसार ने बताया कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान में केवल 40ः प्रगति हुई है। सभी एनसीडी मरीजों की आभा आईडी के साथ पोर्टल पर एंट्री अनिवार्य की गई है। डीपीसी देवेंद्र पाल ने टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग, जांच और नाट टेस्ट में बढ़ोतरी की आवश्यकता जताई। वहीं आरएमएससी के डॉ. मोहन सिंह धाकड़ ने बताया कि सभी संस्थानों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं और निशुल्क जांचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। बैठक में प्रत्येक शनिवार को सभी सरकारी भवनों में सफाई व सोर्स रिडक्शन अभियान चलाने और आईईसी के माध्यम से जनजागरूकता अभियान तेज करने के भी निर्देश दिए गए।