उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अनायास  इस्तीफा पर राजनीतिक कयास  जारी

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Published on : 23 Jul, 25 05:07

अब नई बहस शुरू कि कौन होगा धनखड़ का उत्तराधिकारी?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अनायास  इस्तीफा पर राजनीतिक कयास  जारी

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को सायं अनायास दिए गए इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया।  उनके इस्तीफे का सरकारी गजट नोटिफिकेशन भी जारी हुआ। राष्ट्रपति द्वारा जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर करने से खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के बाद अब संसद के राजनीतिक गलियारों में धनखड़ के अचानक दिए इस्तीफे को लेकर विभिन्न कयासों के साथ ही एक नई बहस शुरू हो गई है। सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर जगदीप धनखड़ का उत्तराधिकारी कौन होगा? इसके लिए कई नामों की चर्चा और तरह तरह के अनुमान लगाए जा रहे है।

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी ऊपरी सदन राज्यसभा और निचले सदन लोकसभा की कार्यवाही प्रतिपक्ष के भारी हंगामे के कारण नहीं चल पाई और दोनों सदनों को बुधवार सवेरे ग्यारह बजे तक स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में सभापति की सीट पर बैठ उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही का संचालन शुरू किया। इधर लोकसभा में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने सदन का संचालन करना चाहा लेकिन प्रतिपक्ष के भारी शोर शराबे  खे चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

मंगलवार को संसद में दिन भर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अनायास  इस्तीफा देने के  अप्रत्याशित घटनाक्रम को लेकर नेताओं की प्रतिक्रियाओं और इस्तीफे के समय और कारणों को लेकर राजनीतिक चर्चाओं और कयास का दौर जारी रहा । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक्स पर एक पोस्ट डाल कर उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और लिखा कि धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति और अन्य पदों पर रहते हुए देश की सेवा करने का अवसर मिला वह उल्लेखनीय  है। प्रधानमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी है।

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार भारत के निर्वाचन आयोग को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिघोषणा जारी करने होगी तथा संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को चुनाव की स्थिति में  मतदान की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। राजनीतिक दलों को उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अपने अपने उम्मीदवार  के चयन के लिए सहयोगी दलों से भी राय मशविरा करनी होगी । इस सारी प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है लेकिन संवैधानिक दृष्टि से नए उप राष्ट्रपति का चुनाव पद खाली होने के छ महीने में करवाना होगा।

इस सारे घटनाक्रम का एक दूसरा पहलू यह भी है कि केन्द्र में सत्ताधारी दल भाजपानीत एन डी ए नए उपराष्ट्रपति के लिए किस नेता को इस पद के लिए चुनता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवारों में से भी किसी को यह पद मिल सकता है। अलबत्ता नए प्रत्याशी के चयन में नरेन्द्र मोदी-अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष केन्द्रीय  मंत्री जे पी नड्डा ही समय रहते फैसला करेंगे। 

देश की राजनीति में सोमवार को उस समय बड़ा उलटफेर हो गया, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि आधिकारिक तौर पर इस इस्तीफे को स्वास्थ्य कारणों से जोड़ा गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके पीछे कई कयास लगाए जा रहे है। हाल ही में उत्तराखंड यात्रा के दौरान उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन लौटने के बाद से वे पूरी तरह स्वस्थ थे और अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरह निभा रहे थे. कानून के विशेषज्ञ और अंग्रेज़ी भाषा के विद्वान माने जाने वाले जगदीप धनखड़ कई दशकों बाद अरुण जेटली की सिफारिश पर मुख्यधारा की राजनीति में लौटे थे. वे संघ परिवार के भी क़रीबी माने जाते रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में संघ से जुड़े कई अहम मामलों में वकील रहे हैं. अब जब धनखड़ ने अपने पद से विदाई ले ली है, तो राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि आखिर उनका उत्तराधिकारी कौन होगा?


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