उदयपुर महाकालेश्वर मंदिर में भव्य पालकी और रुद्राभिषेक

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Published on : 21 Jul, 25 10:07

उदयपुर महाकालेश्वर मंदिर में भव्य पालकी और रुद्राभिषेक

उदयपुर. महाकालेश्वर मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को सुबह से भक्तों की भारी भीड उमडी, पूजा-अनुष्ठान के साथ भगवान आशुतोष को मंदिर परिसर में ही वन भ्रमण करवाया गया। इस दौरान भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड उमडने लगी। भगवान महाकाल के जयकारों साथ ही ओम नमः शिवाय उद्घोष करते हुए भक्तों ने प्रभु के दर्शन किए और जलाभिषेक किया। गर्भगृह में विराजित मूल प्रतिमा पर सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक बाहर लगे कलश के माध्यम से आम भक्तों ने अभिषेक किया। इसी दौरान 11.15 बजे से पालकी को सजाने के साथ ही भगवान के विग्रह स्वरूप को उसमें विराजित किया गया। पूजा-अर्चना के बाद दोपहर ठीक 12.15 बजे भक्त पालकी को सभा मंडप से लेकर रवाना हुए। सबसे पहले पालकी को गर्भगृह में विराजित महाकालेश्वर की प्रतिमा के सम्मुख ले जाया गया। वहां जयकारों के साथ पालकी को झुलाते हुए मंदिर परिसर में ही मौजूद नक्षत्र वाटिका में ले जाया गया। वाटिका में पालकी को विराजित कर भगवान की विशेष पूजा-अर्चना करके भोग लगाया गया। इसके बाद पुनः पालकी को मंदिर में लाकर सभा मंडप में आरती उतारी गई। इसके बाद भगवान के विग्रह रूप को झूले में विराजित किया गया।
आज शाम को होगा विशेष रुद्राभिषेक
महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को प्रदोष पर शाम 5 से 7 बजे तक रुद्राभिषेक होगा। यह आयोजन प्रदोष मंडल के विद्वान पंडितों द्वारा किया जाएगा।
को प्रदोष पर
धुणी माता की ध्वजा चढाई
पालकी की पूजा के पश्चात धुणी माता पर जाकर वहां मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया। इसके बाद जयकारों के साथ ध्वजा अर्पित की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने गुंबद पर ध्वजा चढाई।
श्रद्धा से हो रही पार्थेश्वर शिवलिंग की पूजा
मंदिर में ही पूरे श्रावण माह में पार्थेश्वर शिवलिंग की पूजा की जा रही है। इसके तहत विभिन्न स्थानों की पवित्र मिट्टी से शिवलिंग बनाकर प्रतिदिन अलग-अलग आकृतियां बनाई जा रही है। इसके बाद पूजा-अर्चना कर पवित्र जल से अभिषेक किया जा रहा है। इसके साथ ही सभा मंडप में विराजित शिवलिंग पर पूरे दिन आम भक्तों द्वारा अभिषेक किया जा रहा है।
अगले सोमवार होगा जल विहार
सावन के तीसरे सोमवार 28 जुलाई को भगवान महाकालेश्वर जल विहार करेंगे। इसके तहत प्रभु को मंदिर परिसर स्थित गंगा घाट पर ले जाकर जल विहार करवाया जाएगा। इधर 4 अगस्त को भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इसकी तैयारियां तेजी से जारी है। इसी दिन मंदिर में नाव मनोरथ भी होगा।


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