मानसून में होने वाले रोगों से पशुओं का करें बचाव

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Published on : 18 Jul, 25 05:07

उदयपुर। राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में मानसून रोगों से पशुओं का करें बचाव विषयक संगोष्ठी हुई। पशुपालन डिप्लोमा के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार छंगाणी ने कहा कि बचाव उपचार से बेहतर है। मानसून में पशुओं में कई संक्रामक रोग होने की संभावनाएं रहती हैं जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होने की संभावना रहती है। मानसून पूर्व इन रोगों के बचाव के टीके लगवाकर पशुपालक आसानी से अपने पशुओं को गलघोंटू, लंगड़ा बुखार एवं खुरपका-मुंहपका जैसे रोगों से बचा सकतें हैं। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. पद्मा मील ने बताया कि पशुओं के आहार को वाटरप्रूफ स्टोरेज बनाकर संग्रहित करना चाहिए ताकि आहार सड़े गले नहीं एवं पूरे मानसून में पशुओं को सम्पूर्ण आहार मिलता रहें। संस्थान के डॉ. ओमप्रकाश साहू ने कहा कि इस मौसम में कृमियों की बहुतायात रहती है जिससे पशुओं में कृमि रोग होने की प्रबल संभावनाएं रहती हैं। अतः अपने सभी पशुओं को मानसून पूर्व डीवॉर्निंग करना लाभदायक रहता है।


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