जयपुर, राजस्थान: राजस्थान की माननीय उपमुख्यमंत्री श्रीमती दीया कुमारी ने जयपुर के विद्याधर नगर स्थित नंद घर का दौरा किया और और वेदांता की प्रमुख सामाजिक पहल नंद घर द्वारा महिलाओं और बच्चों के जीवन में लाए जा रहे सकारात्मक बदलाव को देखा। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा संचालित यह परियोजना पारंपरिक आंगनवाड़ियों को आधुनिक, बाल-हितैषी केंद्रों में बदल रही है जो स्मार्ट लर्निंग टूल्स, BaLA (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) डिज़ाइन, एलईडी टीवी और आकर्षक इन्फ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित हैं, जिससे 3–6 वर्ष के बच्चों के संपूर्ण विकास को प्रोत्साहन मिल रहा है।
यह दौरा सरकार और नंद घर की साझा दृष्टि को पुनः पुष्टि करता है – एक कुपोषण-मुक्त और सशक्त भारत का निर्माण, विशेष रूप से ग्राम स्तर पर महिलाओं और बच्चों के विकास के माध्यम से।
अपने दौरे के दौरान, उन्होंने स्मार्ट टीवी, ई-लर्निंग मॉड्यूल और BaLA इंस्टॉलेशनों से युक्त इंटरैक्टिव कक्षाओं का अवलोकन किया, जिससे प्रारंभिक बाल शिक्षा अधिक रोचक और प्रभावी बन गई है। उन्होंने आंगनवाड़ी दीदियों से मुलाकात की और आस-पास की बस्तियों से आई महिलाओं के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग जैसी स्किल डवलपमेंट पहलों के माध्यम से आय बढ़ने और आत्मनिर्भरता के अनुभवों को जाना।
राजस्थान में ही, वेदांता ने 25,000 नंद घरों के विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे राज्य की प्रारंभिक बचपन विकास और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की योजनाओं को गति मिल रही है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर नंद घर के सीईओ श्री शशि अरोड़ा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि माननीय उपमुख्यमंत्री श्रीमती दीया कुमारी जी ने नंद घर का दौरा किया और हमारे मूल स्तर पर किए गए कार्यों को देखा। उनका प्रोत्साहन हमें महिलाओं और बच्चों के लिए एक स्वस्थ और सशक्त भविष्य निर्माण की दिशा में और अधिक प्रतिबद्ध बनाता है।नंद घर में हमारा प्रयास है कि सरकार के सहयोग और समुदाय की सक्रिय भागीदारी से कुपोषण, प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा, महिला सशक्तिकरण तथा स्वास्थ्य सेवाओं जैसे क्षेत्रों में समग्र और स्थायी विकास सुनिश्चित किया जाए, जिसके लिए हम प्रभावी और विस्तार योग्य समाधान प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं।”
नंद घर, जो वर्तमान में 15 राज्यों में 8,500 से अधिक केंद्रों के माध्यम से कार्यरत है, एक आधुनिकीकृत आंगनवाड़ी मॉडल है जो सरकार के साथ एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) को सशक्त करने हेतु सहकार्य कर रहा है। इस प्रयास के तहत,
वेदांता ने धौलपुर, राजस्थान में 'बालवर्धन परियोजना' की शुरुआत की है – यह एक वैज्ञानिक और स्केलेबल मॉडल है, जो John Snow Inc. (JSI) और Rocket Learning जैसे विशेषज्ञ भागीदारों के साथ मिलकर प्रारंभिक बाल विकास के परिणामों को बेहतर करने के लिए कार्य कर रहा है। यह पहल डाटा-आधारित प्रभाव, क्षमता निर्माण, और नवोन्मेषी डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित है, जिससे यह एक रिप्लिकेबल राष्ट्रीय मॉडल बन सके।
माननीय मंत्री के इस विशेष दौरे ने सरकार और नंद घर के बीच साझा संकल्प को बल दिया — एक ऐसा भारत बनाने का, जो कुपोषण-मुक्त, सशक्त और समावेशी विकास की दिशा में अग्रसर हो, POSHAN 2.0, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप।
नंद घर के बारे में:
नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख सामाजिक पहल है, जो देश की आंगनवाड़ी प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है। वर्तमान में देशभर के 15 राज्यों में फैले 8,500+ नंद घर, 3.4 लाख से अधिक बच्चों और 2.5 लाख महिलाओं के जीवन को सशक्त बनाने में सहायक बन रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) के साथ साझेदारी में स्थापित, ये नंद घर पोषण, डिजिटल प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अवसर प्रदान कर रहे हैं। इन अत्याधुनिक नंद घरों का उद्देश्य देश भर के 13.7 लाख आंगनवाड़ियों के माध्यम से 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाना है।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन, वेदांता समूह की सभी सामुदायिक और सामाजिक पहलों का छत्र संगठन है। फाउंडेशन के मुख्य कार्यक्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, महिला एवं बाल विकास, पशु कल्याण, और खेलों का प्रोत्साहन शामिल हैं। फाउंडेशन का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना, जीवन में परिवर्तन लाना और सतत एवं समावेशी विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण को बल देना है।