राजस्थान में गोल्डन ओएस्टर मशरुम की  एक नई प्रजाति की प्रथम रिपोर्ट

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Published on : 13 Jul, 25 03:07

राजस्थान में गोल्डन ओएस्टर मशरुम की  एक नई प्रजाति की प्रथम रिपोर्ट

 

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली  के अधीन मशरुम अनुसन्धान निदेशालय चम्बाघाट सोलन ,हिमाचल प्रदेश   के दवारा मशरुम अनुसन्धान के अंतर्गत भारत के विभिन जलवायु क्षेत्रों  के  जंगलो , वन्य जीव अभ्यारणों  एवं मरुस्थलों से खादय एवं औषधीय मशरुम के जर्मप्लास्म  के संग्रहण एवं संरक्षण के अंतर्गत महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविधालय  उदयपुर में संचालित अखिल भारतीय समन्वित मशरुम अनुसन्धान परियोजना  के दल ने राजस्थान के विभिन जंगलो, वन्य जीव अभ्यारणों  एवं मरुस्थलों का जून से जुलाई 2025 में  गहन सर्वेक्षण  किया I  जिसमे उदयपुर जिले के केशरियाजी तहसील के सागवाड़ापाल  के जंगल में ढींगरी मशरुम की एक नई प्रजाति  गोल्डन ओएस्टर मिली  हे जिसका वैज्ञानिक नाम प्लूरोटस सिट्रिनोपिलेटस  हे जो  खादय एवं औषधीय गुणयुक्त हे I अखिल भारतीय समन्वित मशरुम अनुसन्धान परियोजना  के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर  नारायण लाल मीना  ने बताया की इस प्रकार की गोल्डन ओएस्टर प्रजाति राजस्थान में प्रथम बार रिपोर्ट हुई हे  इस मशरुम का रंग सोने के रंग जैसा होता हे I  इस मशरुम के कैप का परिमाप 18x12 सेमी. ,कॉनकेट टाइप ,तथा तने का परिमाप 9x1.7 सेमी  तथा एक फ्रेश मशरुम के गुच्छे का वजन 300 ग्राम  दर्ज किया गया I  यह पोषणीय एवं औषद्यीय गुणों के कारण अधिक महत्वपूर्ण हे I  इस मशरुम में प्रोटीन 31.7 प्रतिशत , रेशा लगभग 25.7 प्रतिशत तथा इसमें सेल्यूलोस , हेमिसेलुलोसे और स्टार्च की अच्छी मात्रा होती हे इसमें वसा की काम मात्रा 1 प्रतिशत व् लिग्निन भी पाया जाता हे  I  इसमें सूक्षम पोषक तत्व ,विभिन बायोएक्टिव योगिक जैसे पॉलिसैक्राइड,एमिनोएसिड, तथा अन्य लाभकारी पोषक तत्वो  का भी अच्छा  स्रोत हे I एमिनोएसिड में ग्लुटामिन ,एस्पार्टिक एसिड ,विटामिन्स में विटामिन डी(अर्गोस्टेरॉल) पोटेशियम,फॉस्फोरस , मेग्नीशियम एवं एंटीऑक्सिडेंट्स में फिनॉल , फ्लेवेनॉयड्स जो की कोशिका को नष्ट होने से बचाता हे I  वसा अम्लों में असंतृप्तत वसा अमल विशेष रूप से पामिटिक, ओलिक,और लिनोलिक एसिड का भी अच्छा स्रोत हे I गोल्डन ओएस्टर प्रजाति एक स्वस्थ आहार एवं औषद्यीय के लिए एक मूलयवान खाद्य मशरुम हे I  वर्तमान में इस मशरुम  पर विस्त्रत अध्ययन के लिए अनुसन्धान प्रारम्भ कर दिया हे I   

 

 


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