सुखाड़िया विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स करेंगे मेवाड़ की हैंडलूम परंपरा का विश्व स्तर पर प्रतिनिधित्व 

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Published on : 13 Jul, 25 03:07

गोवा में आयोजित वर्ल्ड डिजाइनर फोरम के हैंडलूम डे सेलिब्रेशन में मोती , शर्ली ,छवि होंगे प्रतिभागी 

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स करेंगे मेवाड़ की हैंडलूम परंपरा का विश्व स्तर पर प्रतिनिधित्व 

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 *उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग विभाग के छात्र मोती चौहान, शर्ली मालवीया तथा फैकल्टी छवि व्यास को वर्ल्ड डिजाइनर फोरम द्वारा अगस्त में गोवा में आयोजित हैंडलूम-डे सेलिब्रेशन कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जहां वे विश्वविद्यालय और मेवाड़ की समृद्ध कपड़ा परंपरा का प्रतिनिधित्व करेंगे। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन स्थायित्व, नवाचार और भारतीय विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर होगा।


 *विरासत को नए रूप में करेंगे प्रस्तुत 
छात्र मोती चौहान ने बताया कि वे राजस्थानी पारंपरिक शाही परिधानों की विरासत को एक नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर रहे हैं। उनका डिज़ाइन हैंडलूम फैब्रिक पर आधारित होगा, जिसमें राजाओं-महाराजाओं की विशिष्ट अलंकरण तकनीकें समाहित की जाएंगी।  मेवाड़ के महाराणाओं के राजसी वस्त्रों से प्रेरणा लेकर एक ऐसी पोशाक तैयार कर रहे हैं जो परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम होगा। 

 अकोला छपाई कला में नया प्रयोग* 
छात्रा शर्ली  राजस्थान की अकोला छपाई कला को हैंडलूम फैब्रिक के साथ मिलाकर एक नया प्रयोग कर रही हैं। उनका उद्देश्य है कि प्राकृतिक रंगों, सस्टेनेबल मटेरियल और विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय फैशन डिज़ाइनर्स के साथ नेटवर्किंग, डिज़ाइन के समावेश से एक ऐसा आउटफिट प्रस्तुत किया जाए, जो आज की युवा पीढ़ी की संवेदनाओं और स्टाइल को भी ध्यान में रखे।
 विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय फैशन डिज़ाइनर्स के साथ नेटवर्किंग का मौका 
विभाग प्रभारी डॉ. डॉली मोगरा ने बताया कि यह अवसर विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय फैशन डिज़ाइनर्स के साथ नेटवर्किंग, प्रेरणा और रचनात्मक साझेदारी के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। यह सहभागिता न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है, बल्कि भारतीय हैंडलूम विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम भी है।
 कार्यक्रम में  खास :  
पहले दिन, प्रतिभागी अपने ड्रेस डिज़ाइनों की प्रस्तुति देंगे और अपने क्षेत्र की हैंडलूम परंपरा—विशेष रूप से मेवाड़ पर प्रेजेंटेशन देंगे,  दूसरे दिन, प्रतिभागी हस्तनिर्मित (हैंडवर्क) शिल्प वस्तुएं तैयार करेंगे,  तीसरे दिन, डिज़ाइनों का पोर्टफोलियो प्रदर्शन और रैम्प वॉक होगा।


साभार :


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