राजस्थान रत्नाकर के स्वर्ण जयंती वर्ष पर 13 जुलाई को भारत मंडपम, प्रगति मैदान में भव्य सम्मान समारोह

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Published on : 12 Jul, 25 06:07

भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र पर आधारित ‘पुरुषोत्तम’ की होगी प्रभावी प्रस्तुति

राजस्थान रत्नाकर के स्वर्ण जयंती वर्ष पर 13 जुलाई को भारत मंडपम, प्रगति मैदान में भव्य सम्मान समारोह

*पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे मुख्य अतिथि*

 

-नीति गोपेन्द्र भट्ट -

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की अग्रणी समाजसेवी संस्था राजस्थान रत्नाकर अपने स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर रविवार, 13 जुलाई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में एक भव्य सम्मान समारोह  का आयोजन करने जा रही है। इस अवसर पर भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र पर आधारित ‘पुरुषोत्तम’ की प्रभावी प्रस्तुति भी होगी, जिसे सुप्रसिद्ध कविवर चिराग जैन ने लिखा है। यह प्रस्तुति न केवल एक सांस्कृतिक सौगात होगी बल्कि रामायण के आदर्शों को पुनर्जीवित करने का प्रयास भी है।

 

राजस्थान रत्नाकर के चेयरमेन राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह के मुख्य अतिथि रहेंगे।जयराम आश्रम हरिद्वार के अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी जी के पावन सान्निध्य में होने वाले इस समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सांसद प्रवीण खंडेलवाल विशिष्ट अतिथि होंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के संरक्षक और पाली राजस्थान के सांसद तथा वन नेशन वन इलेक्शन सयुंक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी.पी. चौधरी करेंगे।

 

स्वर्ण जयंती समारोह के संयोजक ओ पी बागला ने बताया कि संस्था की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले इस समारोह में अतिथि गण संस्था के विकास और सामाजिक सेवाएँ प्रदान करने वाले व्यक्तियों का सम्मान समारोह और  संस्था की पत्रिका का विमोचन करेंगे ।इस अवसर पर अविस्मरणीय ‘पुरुषोत्तम’ की भव्य प्रस्तुति मुख्य आकर्षण रहेगी । आयोजन में संस्था के चेयरमेन राजेन्द्र गुप्ता, प्रधान शंकर जयपुरिया, उप प्रधान ललित पोद्दार एवं अरविंद गुप्ता, महामंत्री सुमित गुप्ता, कोषाध्यक्ष प्रवीन जालान, मंत्री मुकेश गुप्ता, उप मंत्री अमित गोयल, निवर्तमान प्रधान रमेश कानोडिया, संयोजक ओमप्रकाश बागला, रमेश जैना, सत्य भूषण जैन, सुशील बंसल सहित सभी सदस्यों की विशेष भूमिका है।

 

उन्होंने बताया कि संस्था का यह स्वर्ण जयंती आयोजन न केवल सामाजिक उत्कृष्टता का उत्सव होगा, बल्कि सांस्कृतिक चेतना को भी नई दिशा देने का प्रेरक मंच बनेगा।


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