समाज को नशे से बचाने और नशामुक्त करने में महत्वपूर्ण है गुरु की भूमिका

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Published on : 11 Jul, 25 08:07

नशामुक्त श्रीगंगानगर अभियान के तहत गुरु पूर्णिमा पर कार्यशाला में बोले वक्ता

समाज को नशे से बचाने और नशामुक्त करने में महत्वपूर्ण है गुरु की भूमिका

श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर डॉ. मंजू और एसपी श्री गौरव यादव के नेतृत्व में जारी नशामुक्त श्रीगंगानगर अभियान के तहत गुरुवार को नोजगे पब्लिक स्कूल के ऑडिटोरियम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि समाज को नशे से बचाने में गुरु (शिक्षक) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों को नशे की गिरफ्त में जाने से रोकने हेतु शिक्षकों को मार्गदर्शन और ज़िम्मेदारी से जोड़ना रहा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि स्कूलों में नशे के बढ़ते खतरे को पहचानने, शारीरिक प्रशिक्षकों को काउंसलर की भूमिका में तैयार करने के साथ-साथ विद्यालय स्तर पर जागरूकता और काउंसलिंग की योजना बनाई जाए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने कहा कि मीडिया, फिल्में, रैप गाने बच्चों को नशे को ‘कूल‘ या ‘स्टाइल‘ के रूप में दिखा रहे हैं। यही कारण है कि शिक्षकों को मिथकों को तोड़ने और सच्चाई बताने वाली भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कार्यशाला में शिक्षकों को सुझाव देते हुए कहा कि विद्यालय स्तर पर नशा विरोधी क्लब बनाएं। गोपनीय शिकायत बॉक्स, मनो वैज्ञानिक काउंसलिंग की व्यवस्था, जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता के साथ-साथ पुलिस व अभिभावकों के साथ मिलकर हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे।
अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा कि आप सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि भविष्य के निर्माता हैं। बच्चों की नजरों में आप पहले हीरो होते हैं और यह आपकी ही भूमिका है, जो उन्हें नशे की तरफ़ नहीं, लक्ष्य की तरफ़ ले जा सकती है। अन्य वक्ताओं ने भी अपने सम्बोधन में समाज को नशामुक्त बनाने और करने में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित किया।

इस दौरान स्लाइड प्रजेंटेशन के माध्यम से चाइल्ड साइकोलॉजी और मीडिया प्रभाव के बारे में डॉ. अशोक अरोड़ा, प्रोफ़ेसर मीनू तंवर, डॉ. रवि गोयल ने समझाया कि किशोर मस्तिष्क निर्णय लेने में कमजोर होता है। इसलिए इनको अभिभावकों की निगरानी में रखना आवश्यक है।
कार्यशाला में नशामुक्त श्रीगंगानगर अभियान के तहत निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘सफेद साया‘ दिखाई गई। श्री विक्रम ज्याणी द्वारा उपस्थितजनों को नशे के दुष्प्रभाव बताते हुए नशा नहीं करेंगे, न करने देंगे की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम समापन पर उपस्थित शिक्षकों द्वारा शपथ ली गई कि ‘हम वादा करते हैं कि नशा जैसे अंधकार से छात्रों को बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम पहचानेंगे, संवाद करेंगे और हर बच्चे को बचाने का भरसक प्रयास करेंगे।‘ इस दौरान जिला कलक्टर द्वारा पौधारोपण करते हुए सभी को ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी किया गया।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री वीरेन्द्रपाल सेखों, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी श्री गिरिजेशकांत शर्मा, डॉ. मुकेश मेहता, प्रिंसिपल, समस्त शारीरिक शिक्षक सहित अन्य मौजूद रहे। 


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