शुक्रवार देर रात,शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने पहले कोटा से रात 11 बजे कार से, रवाना होकर एक बजे 110 किलोमीटर दूर,नैनवां में दिवंगत हुए वीरेंद्र कुमार जैन का नेत्रदान लिया,उसके बाद,कोटा आकर, स्टेशन से सुबह साढ़े तीन बजे स्वराज एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में सफ़र करके,120 km भवानीमंडी पहुंचकर दिवंगत ललित नाहर का नेत्रदान लिया ।
नैनवा क्षेत्र के ज्योति मित्र महावीर जैन ने, देर रात 11:00 बजे सूचना दी की मालदेव का चौक निवासी वीरेंद्र कुमार जैन का आकस्मिक निधन हुआ है, उनके चारों बेटों (आशीष,विनय,अजय,विजय) की ओर से सहमति प्राप्त हुई है । सहमति आते ही कोटा से डॉ गौड़ रात,11 बजे,110 किलोमीटर दूर नैनवां पहुंचे ।
नैनवा के लिए निकलते समय ही, भवानी मंडी के डेयरी व्यवसायी ललित नाहर के आकस्मिक निधन की सूचना,संस्था के ज्योति मित्र और जैन सोशल ग्रुप के नेत्रदान प्रभारी नरेंद्र कुमार जैन, व संजय विजावत ने बताया कि, स्व० ललित की पत्नी मधु और बेटे निलेश ने नेत्रदान के लिए सहमति दी है ।
नैनवा से देर रात 1:00 बजे, नेत्रदान लेकर डॉ गौड़ सीधा 3:00 बजे कोटा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और वहां से ट्रेन से 120 km का सफर करके, भवानी मंडी पहुंचकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया ।
इस तरह कोटा से नैनवां,वहां से भवानीमंडी और फिर वहां से कोटा वापस आने में पूरी रात में डॉ गौड़ ने 460 किलोमीटर का सफर तय करके,दो दृष्टिहीन लोगों की आंखो में रौशनी लाने का प्रयास किया। डॉ गौड़ ने बताया कि,रात के अंधेरे में दौड़ भाग करके जब सुबह की रौशनी देखी तो लगा, रात की भाग दौड़ से चार लोगों को रोशनी मिल जाएगी,यही सबसे बड़ा सुकून है ।