आषाढ़ी एकादशी के पावन अवसर पर आशीष शेलार ने किया महेश काले के गीत ‘अभंगवारी’ का अनावरण

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Published on : 06 Jul, 25 06:07

स्मिता ठाकरे, कविता सेठ, रूपकुमार राठौड़, सुनाली राठौड़ सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ रहीं मौजूद।

आषाढ़ी एकादशी के पावन अवसर पर आशीष शेलार ने किया महेश काले के गीत ‘अभंगवारी’ का अनावरण

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक महेश काले ने अपने गीत ‘अभंगवारी’ का लॉन्च मुंबई के शन्मुखानंद हॉल में आयोजित अपने संगीत समारोह में किया। यह विशेष आयोजन आषाढ़ी एकादशी के पावन अवसर पर हुआ। इस गीत का अनावरण महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति और आईटी मंत्री श्री आशीष शेलार द्वारा किया गया, जिनके साथ मंच पर स्मिता ठाकरे, कविता सेठ, रूपकुमार राठौड़ और सुनाली राठौड़ जैसी अनेक जानी-मानी हस्तियाँ भी उपस्थित थीं।


आशीष शेलार, जो सीधे पंढरपुर से कार्यक्रम में पहुंचे थे, ने कहा, “मैं पंढरपुर वारी से महेश काले की ‘अभंगवारी’ तक आया हूँ।” उन्होंने साझा किया कि यह कार्यक्रम भगवान विठ्ठल की गहन भक्ति से ओत-प्रोत था और कहा, “इस कार्यक्रम ने मेरे साथ-साथ सब दर्शकों पर एक गहरी और प्रेरणादायक छाप छोड़ी है।”

 

‘अभंगवारी’ को महेश काले ने स्वयं लिखा, संगीतबद्ध किया और गाया है। यह गीत उनके संगीत सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह उनके द्वारा रचा गया पहला अभंग है। यह रचना संत परंपरा में गहराई से जुड़ी हुई है, जिसमें भगवान विठ्ठल को समर्पित भक्ति कविताएं होती हैं, जिन्हें अभंग कहा जाता है।

 

महेश काले बताते हैं, “जब मैंने ‘अभंगवारी’ शब्द को लेकर खोज की, तो पाया कि यह शब्द संत साहित्य में कहीं भी उल्लेखित नहीं है। इसी अनुभव ने मुझे इसे स्वयं रचने की प्रेरणा दी।” उन्होंने आगे बताया कि “एक सुबह सैन फ्रांसिस्को में जब सूरज की पहली किरणें पड़ीं, तो यह गीत स्वतः ही बहने लगा और तब से यह मेरे साथ बना हुआ है।”

 

इस गीत का मूल संदेश आध्यात्मिकता है। परंपरागत रूप से, हजारों भक्त आषाढ़ी एकादशी के दिन वारी यात्रा पर निकलते हैं, लेकिन महेश काले मानते हैं कि संगीत उन सभी के लिए आध्यात्मिक यात्रा बन सकता है जो किसी कारणवश शारीरिक रूप से इस यात्रा में सम्मिलित नहीं हो सकते। वह कहते हैं, “संगीत के पंख होते हैं। यह हर किसी को अपनी जगह से ही आध्यात्मिक यात्रा पर ले जा सकता है। मेरे लिए ‘अभंगवारी’ आत्मा की एक संगीतमय यात्रा है।”

 

इस गीत के संगीत में भारतीय रागों की आत्मा और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों का अनोखा संगम है। इसे संगीत निर्माता समीर म्हात्रे ने संगीतबद्ध किया है और विजय दयाल (यशराज स्टूडियो) ने मिक्स और मास्टर किया है, व इसका निर्माण मेरिडियन मीडिया द्वारा किया गया है और हेरिटेज पार्टनर है सुहाना। यह गीत डॉल्बी एटमॉस में मिक्स होने वाला पहला मराठी अभंग है, जिससे श्रोताओं को एक बहुआयामी और समृद्ध अनुभव प्राप्त होता है।

 

इस गीत का संगीत वीडियो पुणे के पास स्थित भोर क्षेत्र में प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर और निर्देशक महेश लिमये द्वारा फिल्माया गया है। वीडियो की शूटिंग वन ट्री हिल नामक स्थान पर हुई है, जहाँ एकमात्र औदुंबर का वृक्ष (जो तत्व संप्रदाय में पवित्र माना जाता है) स्थित है। यह स्थान गीत की आध्यात्मिकता और गहराई को पूरी तरह से दर्शाता है।

महेश काले बताते हैं, “हम सूर्योदय के समय लोकेशन पर पहुंचे और वहां एक विशेष ऊर्जा का अनुभव हुआ।”

 

इस दौरान का एक खास पल तब आया, जब काले ने पहली बार यह गीत एक गोल्डन रिट्रीवर ‘सिंबा’ के सामने गाया। “मैं पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम करता हूँ और सिंबा उस दिन इस गीत का पहला श्रोता बना। वह क्षण मेरे लिए बहुत आत्मीय और सजीव था।”

 

महेश काले ने खचाखच भरे सभागार में अपनी प्रस्तुति दी, जिससे श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए और कार्यक्रम के अंत में उन्होंने और सुनने की इच्छा जताई। उन्होंने जय जय राम कृष्ण हरी, बोलावा विठ्ठल, लहानपण देगा देवा, आतामी अनन्य येथे अधिकारी, अबीर गुलाल, सुखाची सुख चंद्रभाने, सखा पांडुरंगा जैसे कई भावपूर्ण अभंग और भक्ति रचनाओं की प्रस्तुति दी।

 

‘अभंगवारी’ को यूरोप, अमेरिका और कनाडा में ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जहाँ महेश काले ने इस शीर्षक से अपने संगीत कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत 30 से अधिक शहरों और 7 देशों में प्रस्तुतियां दी हैं। अब यह संगीतमय यात्रा भारत में अपने अगले चरण में प्रवेश कर रही है, जहाँ मुंबई, पुणे, नागपुर, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में प्रस्तुतियों शामिल हैं।

 


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