दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा दे रहा राहत

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Published on : 06 Jul, 25 04:07

वर्षों की जमीन बंटवारे की उलझन शिविर में सुलझी मिनटों में परिवार के सदस्यों को मिला मनरेगा का नया जॉब कार्ड

दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा दे रहा राहत

 मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर प्रदेश भर में चल रहे दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के तहत जिले में जिला कलक्टर नमित मेहता के नेतृत्व में आमजन को राहत प्रदान करने का क्रम जारी है। नगर निकायों एवं पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित किए जा रहे शिविरों में बड़ी संख्या में आमजन पहुंच रहे हैं और अपनी राजस्व, सामाजिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा, बिजली, पानी सहित सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान पा रहे हैं।
बडगांव पंचायत समिति की चीरवा पंचायत में आयोजित शिविर में जशोदा देवी एवं रामी बाई के मध्य पिछले 15 वर्षों से कागजो में उलझे जमीन का बंटवारे के प्रकरण का हाथों-हाथ निस्तारण किया गया। मौके पर पटवारी पूजा मेघवाल, भूअभिलेख निरीक्षक लक्ष्मीलाल प्रजापत ने रिपोर्ट तैयार की जिस पर शिविर प्रभारी तहसीलदार हितेश त्रिवेदी ने त्वरित आदेश जारी कर वर्षों की उलझन का समाधान कर दिया। चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी, बड़गांव उपखण्ड अधिकारी निरमा बिश्नोई, ग्राम पंचायत प्रशासक गगन गमेती एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में दोनों पक्षों को रिकॉर्ड की प्रतियां प्रदान की गयी। कई वर्षों से लम्बित जमीन का बंटवारा कुछ ही मिनटों में होने से दोनों पक्षों से जुड़े काश्तकारों के चेहरे पर खुशी छा गई।
मनरेगा जॉब कार्ड बनाकर खोला रोजगार का रास्ता इसी प्रकार सायरा पंचायत समिति की पानेर पंचायत मुख्यालय पर आयोजित शिविर में खरवडों का गुड़ा निवासी नाथी बाई का मनरेगा में जॉब कार्ड नहीं बनने से रोजगार प्राप्त नहीं हो पा रहा था। शिविर में उनसे आवेदन प्राप्त कर हाथों-हाथ जॉब कार्ड बनाया गया। शिविर में विधायक प्रताप लाल गमेती उपस्थित रहे।
82 वर्षीय बुजुर्ग की 5 वर्ष से बंद पेंशन शुरु सायरा की पंचायत ढूंढी में आयोजित शिविर में सादड़ा निवासी 82 वर्षीय बुजुर्ग रोड़ा अपनी पेंशन संबंधी समस्या को लेकर उपस्थित हुए। दस्तावेजों की कमी तथा जन आधार में सीडिंग नहीं होनें से पिछले पांच वर्षों से उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद थी। कई बार प्रयास करने के बावजूद भी उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा था और पेंशन पुनः प्रारंभ नहीं हो सकी थी। शिविर में दस्तावेजों की जांच कर उपस्थित ई-मित्र संचालक के माध्यम से तुरंत पेंशन प्रारम्भ करवाई गई। उम्र के इस पड़ाव पर पेंशन रूपी राहत मिलने से 82 वर्षीय बुजुर्ग सबको आशीर्वाद देता घर लौटा।


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