कोटा: कोटा की साहित्यिक धरती पर एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया जब मंडल पुस्तकालय, CAD कोटा में एक भव्य और गरिमामय समारोह में एक नवोदित लेखिका की पहली साहित्यिक कृति का लोकार्पण विधिवत संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम "माँ विद्यादात्री" की कृपा और साहित्य सेवा के भाव के साथ अत्यंत श्रद्धा, सराहना और आत्मीयता के वातावरण में सम्पन्न हुआ।
अध्यक्षता की: महामंडलेश्वर साध्वी दीदी हेमा सरस्वती जी (ब्रह्मामूर्ति श्री मौजी बाबा लोक कल्याण ट्रस्ट, कोटा) दीदी हेमा सरस्वती जी ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में लेखिका को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि साहित्य केवल लेखन नहीं, बल्कि समाज की चेतना को दिशा देने का माध्यम है।
मुख्य अतिथि रहे: माननीय प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत जी (कुलगुरु, कोटा विश्वविद्यालय, राजस्थान) उन्होंने कहा कि युवा रचनाकारों का आगे आना साहित्य की निरंतरता और समृद्धि का परिचायक है।
विशेष सानिध्य रहा: महेश विजय जी (पूर्व महापौर, कोटा) राम कुमार मेहता जी (पूर्व अध्यक्ष, नगर विकास न्यास, कोटा)
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव जी (संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष) सभी गणमान्य अतिथियों ने मंच से लेखिका को आशीर्वाद दिया और उनके द्वारा रचित कृति की सराहना की। वक्ताओं ने इसे एक सार्थक प्रयास बताते हुए कहा कि ऐसी नई रचनाएं समाज को जागरूक करती हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।
लेखिका ने अपने भावुक वक्तव्य में सभी अतिथियों, वरिष्ठ साहित्यकारों और पाठकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए एक स्वप्न के पूर्ण होने जैसा है। उन्होंने अपनी रचना यात्रा को साझा किया और सबको अपने साहित्यिक परिवार का हिस्सा बनने का निमंत्रण दिया।
कार्यक्रम में कोटा और आसपास के अनेक साहित्यकार, शिक्षक, विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह का संचालन सराहनीय एवं प्रभावशाली रहा, वहीं समापन पर सभी उपस्थितजनों के लिए जलपान की व्यवस्था भी की गई थी।