हिन्दुस्तान जिं़क ने लैंग्वेज गाइड बुक लांच कर कार्यस्थल समावेशन में नए मानक स्थापित किए

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Published on : 03 Jul, 25 15:07

हिन्दुस्तान जिं़क ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा की भूमिका में नियुक्त करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक

हिन्दुस्तान जिं़क ने लैंग्वेज गाइड बुक लांच कर कार्यस्थल समावेशन में नए मानक स्थापित किए



उदयपुर,विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड ने समावेशी भाषा के लिए अपनी गाइडबुक  लॉन्च कर कार्यस्थल पर समानता को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रगतिशील कदम उठाया है। यह पहल एक विविध, सम्मानजनक और समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गाइडबुक को एक रणनीतिक ढांचे के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है जो विभिन्न समुदायों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है, समावेशी संचार को प्रोत्साहित करता है और संगठन के सभी स्तरों पर समान कार्यप्रणाली का सहयोग करेगी। गाइडबुक को हिन्दुस्तान जिं़क के जिं़क्लूजन प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य एलजीबीटीक्यूआईए, दिव्यांग व्यक्तियों और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और जातियों के लोगों सहित सभी रूपों में विविधता को अपनाना है।
लॉन्च के अवसर पर एलीशिप विषय पर पैनल चर्चा आयोजित की गयी, जिसमें कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा एवं सेवानिवृत्त एयर कमोडोर, एआईएफ सदस्य और ट्रांसजेंडर हेल्थकेयर और सोशल इंक्लूजन एक्टिविस्ट, डॉ. संजय शर्मा शामिल थे।
कंपनी ने एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के कर्मचारियों के लिए उद्योग-अग्रणी कार्यस्थल नीतियां बनाई हैं, जिसमें इन कर्मचारियों के लिए 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता, पुनर्मूल्यांकन सर्जरी के लिए 2 लाख रुपये तक की सहायता, सर्जरी के लिए छुट्टियां, साथ ही पितृत्व नीति और आवास नीति जैसी अन्य सहायक नीतियां भी हैं। पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माने जाने वाले मेटल और माइनिंग क्षेत्र में, हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों में 23 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को नौकरी के अवसर दिए हैं। इन कर्मचारियों को कंपनी के भीतर मुख्यधारा की भूमिकाओं में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला है, जिनमें फाइनेंस, सप्लाई चेन, मार्केटिंग, मेडिकल और अन्य विभाग शामिल हैं। यह कदम कंपनी की समावेशी सोच को दर्शाता है। 4.0, डिजिटलीकरण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी तकनीकी प्रगति ने कंपनी को मैनुअल श्रम को कम करने में मदद की है, जिससे यह क्षेत्र नौकरी रोजगार के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है। हिन्दुस्तान जिं़क की डिजिटल खदानों में सतह-आधारित भूमिगत खनन (टेली-रिमोट) संचालन, रियल-टाइम एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। ये सुविधाएँ इस तेजी से विकसित हो रहे उद्योग में बिना किसी लिंग भेदभाव के रोमांचक करियर विकल्प प्रदान करती हैं।
हिन्दुस्तान जिं़क की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने इस पहल पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि, वेदांता और हिंदुस्तान जिंक में, हम एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करते हैं जहाँ हर व्यक्ति को महत्व दिया जाए और उसे आगे बढ़ने का अवसर देकर सशक्त किया जाए। हम सक्रिय रूप से ऐसी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं जो विविधता को महत्व देती है और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करती है। यह गाइडबुक एकजुटता और अपनेपन के हमारे मूल्यों को दर्शाती है, जहाँ आप सिर्फ एक कर्मचारी नहीं हैं, आप परिवार का हिस्सा हैं जहां घर जैसा महसूस हो सके।
डॉ. संजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि, भाषा यह आकार देती है कि हम एक-दूसरे को कैसे देखते हैं, यह या तो बाधाएँ खड़ी कर सकती है या दरवाजे खोल सकती है। हिन्दुस्तान जिं़क की समावेशी भाषा मार्गदर्शिका सम्मान, गरिमा और अपनेपन की संस्कृति बनाने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम है। मैं संगठन द्वारा समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए अपनाई गई बडी प्रणाली की भी सराहना करता हूँ, यह संगठन में समावेश को स्थायी तरीके से स्थापित करने का विचारशील और प्रभावी तरीका है।”
नियमित संवेदीकरण सत्रों, नेतृत्व वकालत, और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से, कंपनी सक्रिय रूप से सहानुभूति और जागरूकता पर आधारित एक ऐसा कार्यस्थल तैयार कर रही है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हर आवाज सुनी जाए, हर पहचान का सम्मान हो और हर व्यक्ति सशक्त हो।
वर्ष 2022 से, कंपनी ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए अपने भर्ती प्रयासों का विस्तार कर रही है, जो सम्मानजनक जीवन के लिए स्थायी आजीविका हासिल करने में चुनौतियों का सामना करते हैं। इस पहल के साथ, कंपनी का लक्ष्य बहुआयामी सोच और समग्र निर्णय लेने के लिए विनिर्माण उद्योग में स्वीकृति और समावेशिता की दिशा में आदर्श बदलाव लाना है। हिन्दुस्तान जिं़क का लक्ष्य अपने सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार वर्ष 2030 तक कार्यबल में 30 प्रतिशत विविधता हासिल करना है और वर्तमान में कार्यकारी कार्यबल में लिंग विविधता अनुपात लगभग 26 प्रतिशत है, जो मेटल और माइनिंग सेक्टर में विश्व में सबसे अधिक है।

 


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