कागज़ों में गुम हुई पुरखों की ज़मीन अन्त्योदय शिविर में मिली वापसी

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Published on : 01 Jul, 25 02:07

80 वर्षीय किसान को वर्षों बाद मिला न्याय, प्रशासनिक संवेदनशीलता बनी मिसाल

कागज़ों में गुम हुई पुरखों की ज़मीन अन्त्योदय शिविर में मिली वापसी



अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की मंशा से राज्य सरकार की ओर से शुरू किया गया पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा आमजन को संबल प्रदान कर रहा है। अभियान के तहत आयोजित हो रहे शिविरों में राजस्व से जुड़े लंबित पेचिदा प्रकरणों का निस्तारण होने से आमजन को बड़ी राहत मिल रही है। वहीं सरकार योजनाओं का हाथों हाथ लाभ मिलने से उनके जीवन में खुशहाली आ रही है।

अभियान के तहत सोमवार को गिर्वा ब्लॉक के लकडवास, खेगरों की भाल, कुराबड़ के जगत, वसु, बड़गांव के कठार, ईसवाल, मावली के गादोली व गोलवाडा, घासा के वीर धोलिया, नूरडा, वल्लभनगर के बाठरडा कला व मजावडा, भीण्डर के धारता व हीता, गोगुन्दा के रावलिया खूर्द व रावलिया कला, सायरा के रोयडा व तिरोल, झाडोल के काडा, ओगणा, पीलक, अटाटिया, फलासिया में पीपलवास, दमाणा, सरादित, खेरवाड़ा में खाण्डी ओबरी, परबीला, नयागांव में महुवाल, मालीफला, ऋषभदेव में पीपली अ , पीपली ब और कटेव कोटड़ा में सामोली, तिलरवा, खुणा, बिकरनी व सुलाव ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित हुए।

पुरखों की जमीन वापस मिली, खिला चेहरा
पंचायत समिति सायरा की ग्राम पंचायत रोयडा में आयोजित शिविर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने यह सिद्ध कर दिया कि जब प्रशासन संवेदनशील हो और तत्परता दिखाए, तो वर्षों से चली आ रही समस्याओं का समाधान कुछ ही मिनटों में हो सकता है। करीब 80 वर्षीय वृद्ध किसान शंकरिया पुत्र सवा की ज़मीन वर्षों से कागजों की गलती के कारण विवादित स्थिति में थी। पूर्व में उनके नाम भूमि का आधा हिस्सा (1/2) दर्ज था, लेकिन सेग्रीगेशन (विभाजन) की प्रक्रिया के दौरान तकनीकी त्रुटि से यह घटकर केवल चौथाई (1/4) रह गया। शंकरिया सोमवार को अन्त्योदय शिविर में पहुंचे और अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपखंड अधिकारी शुभम भैसारे (आईएएस) एवं तहसीलदार सुरेश मेहता ने मौके पर ही राजस्व टीम को दस्तावेज़ों की जांच के निर्देश दिए। जांच के कुछ ही मिनटों में त्रुटि की पुष्टि हो गई। तत्काल कार्रवाई करते हुए शंकरिया का 1/2 का वास्तविक हिस्सा रिकॉर्ड में दोबारा दर्ज किया गया, जिससे उन्हें वर्षों बाद न्याय मिला। पुरखों की जमीन वापस मिलने की पुष्टि हुई, तो वृद्ध शंकरिया की आंखों से झलकती चमक और चेहरे की मुस्कान देखते ही बन रही थी।

40 साल बाद मिला घर का मालिकाना हक
सायरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत तिरोल में आयोजित शिविर में एक वृद्ध ग्रामीण को वर्षों पुरानी पीड़ा से राहत मिली। ग्राम बांसलिया निवासी खेमाराम गमेती पुत्र कालुराम गमेती बीते 40 वर्षों से अपने कच्चे मकान के लिए आवासीय पट्टे की प्रतीक्षा कर रहे थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वे अब तक अपने घर का मालिकाना हक प्राप्त नहीं कर पाए थे। शिविर के प्रचार-प्रसार से जानकारी मिलने पर खेमाराम ने सोमवार ग्राम पंचायत तिरोल में आयोजित शिविर में पहुंचकर आवेदन प्रस्तुत किया। शिविर प्रभारी विकास अधिकारी महीप सिंह जागावत ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही नियम 157(1) के अंतर्गत पट्टा स्वीकृत किया। बापी पट्टा मिलते ही खेमाराम की आंखें भर आईं।

केबिनेट मंत्री पहुंचे शिविरों में, ग्रामीणों से संवाद
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को ग्राम पंचायत दमाणा, मादला एवं पीपलवारा में आयोजित शिविरों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया। मंत्री श्री खराड़ी ने शिविरों में आमजन को लाभ वितरित किए। साथ ही पौधरोपण भी किया।

मंगलवार को यहां होंगे शिविर
अभियान के तहत मंगलवार को गिर्वा में पीपलवास, नयाखेडा व चौकडिया, कुराबड़ में वल्लभ, दातीसर, बड़गांव में सरे व वरडा, मावली में मोरठ व खरताणा, घासा में रख्यावल व सांगवा, वल्लभनगर में खरसाण व  बाठरडाखूर्द, भीण्डर में अमरापुरा खालसा व नांगलिया, गोगुन्दा में मोडी व सेमटाल, सायरा में पलासमा व घणावल, झाडोल में गेजवी, राणपुर व कितावतो का वास, फलासिया में नेवच व बिरोठी, खेरवाड़ा में कारछाकला  व वागपुर, नयागांव में खैडाघाटी व चितोडा तथा कोटड़ा में जुनापादर, दाडमिया, जुडा, कउचा व डिंगावरी कला में शिविर होंगे।


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