आपातकाल में लोकतंत्र सैनानियों ने मजबूत की लोकतंत्र की जड़ें - सांसद डॉ रावत

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Published on : 26 Jun, 25 03:06

लोकतंत्र सैनानियों का हुआ सम्मान

आपातकाल में लोकतंत्र सैनानियों ने मजबूत की लोकतंत्र की जड़ें - सांसद डॉ रावत

 आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राज्य सरकार के निर्देश पर बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से आरटीडीसी की होटल कजरी में लोकतंत्र सैनानियों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत रहे। उदयपुर जिले में सूचीबद्ध कुल 55 मीसाबंदियों और आश्रितों में से कार्यक्रम में उपस्थित 45 जनों को सम्मानित किया गया।

प्रारंभ में जिला प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी वारसिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से लोकतंत्र सैनानियों को संबल प्रदान किया जा रहा है। इसमें लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह बीस हजार पेंशन एवं चार हजार मेडिकल भत्ता प्रदान किया जाता है।

मुख्य अतिथि सांसद डॉ रावत ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान भारी यातनाएं सहीं। उनके संघर्ष में न केवल लोकतंत्र की जड़े मजबूत की बल्कि विकसित भारत 2047 एवं सबका साथ-सबका विकास की भावना के मूल में उन्हीं के बलिदान का योगदान है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में भारत आपातकाल के काले अध्याय को पीछे छोड़ आगे बढ़ चला है। ऐसे में लोकतंत्र सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए राज्य सरकार प्रशंसा की पात्र है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री शांतिलाल चपलोत ने कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल में बिताए गए कठिन दिनों और झेली गई यातनाओं को साझा करते हुए कहा कि यह दौर न केवल लोकतंत्र के लिए कड़ी परीक्षा थी, बल्कि देशवासियों की असली शक्ति की पहचान का भी समय था।

विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित इतिहासकार डॉ. बालुदान बारहठ और प्राध्यापक डॉ. सरोजकुमार ने आपातकाल की पृष्ठभूमि, उसके राजनीतिक-सामाजिक प्रभाव और उससे उपजे लोकतांत्रिक चेतना पर विस्तार से प्रकाश डाला। लोकतंत्र सेनानियों की ओर से सौभाग्य सिंह नाहर ने राज्य सरकार का आभार जताया। संचालन मनोज गीतांकर ने किया। कार्यक्रम में फतह सिंह का भी सराहनीय सहयोग रहा।

इनका हुआ सम्मान
समारोह में मीसा बंदी छोगालाल दक, श्याम सुन्दर चण्डालिया, हिम्मतसिंह कोठारी, भंवरलाल दोशी, नरेंद्रसिंह राजपूत, दलपत दोशी, पुरूषोत्तम सुखवाल, रमेशचंद्र रामनारायण, अशोक कुमार पटवा, ऋषभ कुमार जैन, खुबीलाल सिंघवी, बाबूलाल सिकलीगर, सौभाग्य चंद्र नाहर, रमेशचंद्र वैष्णव, नारायणलाल शर्मा, अशोककुमार सरूपरिया, ललित कुमार सनाढ्य, बसंतीलाल बाबेल, पुरूषोत्तमलाल शर्मा, हिम्मतलाल दुग्गड़, जगदीशप्रसाद व्यास, नानकदास सिंधी, शांतिलाल चपलोत, श्यामसुंदर लौहार, जगदीशनाथ रावल, रामचंद्र मेहता, भागचंद्र कलाल, अरूण कुमार अजमेरा, मीठालाल लोढ़ा, गोपालकृष्ण त्रिवेदी, भोपालसिंह बाबेल, अशोककुमार अजमेरा, पद्मकुमार शर्मा, कृष्णवल्लभ शर्मा, मोहनलाल जैन, प्रमिला झा, गायत्री देवी, सज्जनबाई, प्रकाश कुमार अग्रवाल, योगेंद्रसिंह सिसोदिया तथा हीरालाल पोखरना का सम्मान किया गया। साथ ही मीसा बंदी आश्रित के रूप में प्रेमलता श्यामलाल सुखवाल, दमयंती किशनलाल शर्मा तथा जमना देवी अशोक कुमार को सम्मानित किया गया। समारोह में गुलाबचंद कटारिया, कैलाश मेहघवाल, ताराचंद जैन सहित 10 लोकतंत्र सैनानी उपस्थित नहीं हो पाए।


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