उदयपुर में मुस्लिमों के लिए तालीम, रोजगार और तरक्की की नयी राह : विजन 2030 लॉन्च

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Published on : 22 Jun, 25 16:06

विजन 2030:  उदयपुर में मुस्लिमो के लिए तालीम और तरक्की की नई राह

उदयपुर में मुस्लिमों के लिए तालीम, रोजगार और तरक्की की नयी राह : विजन 2030 लॉन्च


उदयपुर,उदयपुर के मुस्लिम समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान को ध्यान में रखते हुए ‘सेवा संस्था’ द्वारा विजन 2030 की विधिवत शुरुआत की गई। सवीना स्थित होटल ‘जुस्ता इन’ में आयोजित मशवरात कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इस महत्त्वाकांक्षी अभियान का शुभारंभ किया गया, जिसमें शहर के प्रबुद्ध मुस्लिम बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

इस कॉन्फ्रेंस में मुंबई और अहमदाबाद से आमंत्रित मोटिवेशनल स्पीकर और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे, जिन्होंने मुस्लिम युवाओं को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे लाने के लिए अपने प्रेरक विचार साझा किए।

सेवा संस्था के महासचिव और पूर्व डीएफओ जनाब लायक अली खान ने बताया कि—

“विजन 2030 की अवधारणा पिछले चार-पांच महीनों से समाज के विभिन्न संगठनों और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से तैयार की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले पांच वर्षों में उदयपुर के मुस्लिम समाज का शैक्षणिक स्तर सशक्त हो, युवाओं को समुचित करियर मार्गदर्शन मिले और रोजगार के अवसरों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित हो।”

प्रेरक वक्तव्य और विचार
कॉन्फ्रेंस में AMP (Association of Muslim Professionals) के प्रेसिडेंट जनाब आमिर इदरीसी ने कहा:

“हमें शुरुआत निचले तबके के उन होनहार बच्चों से करनी होगी जो सुविधाओं से वंचित हैं, लेकिन जिनमें ग़ज़ब की काबिलियत है। जब हम ईमानदारी से प्रयास करते हैं, तो अल्लाह खुद रास्ता बनाता है।”

वहीं अहमदाबाद से पधारे प्रेरक वक्ता इरफान मुगल ने मुस्लिम समाज में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए युवाओं को उद्यमिता और आधुनिक स्किल्स की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता बताई।

शहर के प्रमुख बुद्धिजीवियों की सहभागिता
कॉन्फ्रेंस में उदयपुर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने अपने विचार साझा किए।

जनाब फुरकान खान, निदेशक, नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सेंटर, ने समाज के भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने और रोजगार उपलब्ध कराने की रणनीति साझा की।

डॉ. वासिम खान, प्रबंध निदेशक, आरएनटी कॉलेज कपासन, ने ज़कात की सामाजिक भूमिका पर बल देते हुए कहा कि—

“अगर मुस्लिम समाज के संपन्न वर्ग अपनी ज़कात को संगठित रूप से युवाओं की शिक्षा व रोजगार पर खर्च करें, तो उन्हें ज़कात लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला बना सकते हैं।”

डॉ. हिना खान, एसोसिएट प्रोफेसर, FMS, विद्यापीठ, ने मुस्लिम छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा में भागीदारी पर चिंता जताते हुए कहा कि—

“जहां प्राथमिक शिक्षा में नामांकन लगभग 100% है, वहीं उच्च शिक्षा में यह आंकड़ा मात्र 4-5% ही क्यों रह जाता है, इस पर गंभीर मंथन और कार्य की आवश्यकता है।”

आगे की रणनीति
सेवा संस्था के अध्यक्ष जनाब डी.ए. खान ने बताया कि—

“मशवरात कॉन्फ्रेंस के ज़रिए विजन 2030 की दिशा में पहला कदम बेहद सफल रहा। करीब 250 प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया, जो विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित थे और समाज को आगे बढ़ाने का जज़्बा रखते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब संस्था पूरी प्रतिबद्धता के साथ विजन 2030 के लक्ष्यों की दिशा में ज़मीनी स्तर पर कार्य करेगी। आने वाले वर्षों में समाज में शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, करियर काउंसलिंग और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित योजनाएं बनाई जाएंगी।

जनाब लायक अली खान ने कहा कि
उदयपुर का विजन 2030 एक ऐसा कदम है, जो न केवल मुस्लिम समाज की वर्तमान चुनौतियों को पहचानता है, बल्कि उन्हें योजनाबद्ध और सकारात्मक तरीके से हल करने की दिशा में भी ठोस प्रयास करता है। इस पहल से यह आशा की जा रही है कि आने वाले वर्षों में उदयपुर का मुस्लिम समाज शिक्षा, रोजगार और सामाजिक विकास में एक नई मिसाल कायम करेगा।


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