सतत चिकित्सकीय शिक्षा (CME) में चिकित्सकों ने साझा किए आधुनिक चिकित्सा के नवाचार

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Published on : 22 Jun, 25 16:06

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बांसवाड़ा एवं ज़ाइडस हॉस्पिटल, अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सतत चिकित्सकीय शिक्षा (CME) में चिकित्सकों ने साझा किए आधुनिक चिकित्सा के नवाचार

सतत चिकित्सकीय शिक्षा (CME) में चिकित्सकों ने साझा किए आधुनिक चिकित्सा के नवाचार

बांसवाड़ा, होटल उत्सव में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बांसवाड़ा एवं ज़ाइडस हॉस्पिटल, अहमदाबाद के सौजन्य से आयोजित सतत चिकित्सकीय शिक्षा (CME) कार्यक्रम की शुरुआत हाल ही में अहमदाबाद विमान दुर्घटना में असमय काल कवलित हुए नागरिकों, चिकित्सकों तथा स्व. डॉ. जे.पी. जोशी के परिजनों के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। स्वागत उद्बोधन करते हुए आईएमए चेयरमैन डॉ. मुनव्वर हुसैन ने चिकित्सकीय विमर्श में उपस्थित विशेषज्ञों व चिकित्सकों का हार्दिक स्वागत किया।

कार्यक्रम में जॉइंट रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में प्रतिष्ठित सर्जन डॉ. समीर नानावटी ने एडवांस्ड रोबोटिक असिस्टेड नी रिप्लेसमेंट सर्जरी पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस अत्याधुनिक तकनीक में सटीक इम्प्लांट प्लेसमेंट से मरीज को त्वरित रिकवरी मिलती है, जिससे मात्र तीन महीनों में मरीज अपनी सभी दैनिक क्रियाएं सहज रूप से कर सकता है। साथ ही, इम्प्लांट्स के बेहतर बायोमैकेनिकल एलाइनमेंट से उपरांत जीवनकाल में इम्प्लांट के घिसाव की दर भी न्यूनतम होती है।

न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी डॉ. यज्ञेश सैजा ने एक्यूट इस्कीमिक स्ट्रोक तथा इंट्राक्रैनियल हेमरेज में गोल्डन विंडो के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क में रक्तस्राव या अवरोध की स्थिति में यदि रोगी को 4.5 घंटे के भीतर उपयुक्त थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी या इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी के तहत क्लॉट रिट्रीवल मिल जाए, तो जीवित रहने और न्यूरोलॉजिकल रिकवरी की संभावनाएं उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाती हैं।

चर्चा के दौरान चिकित्सकों द्वारा नवीन इमेजिंग तकनीकों जैसे डीएसए (Digital Subtraction Angiography), इंट्राऑपरेटिव न्यूरोनैविगेशन, एआई-सहायता प्राप्त सीटी इमेजिंग तथा मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल इंटरवेंशंस पर विस्तार से विमर्श किया गया।

इस अवसर पर डॉक्टर आयुष लड्ढा, डॉक्टर आशना माहेश्वरी, डॉक्टर अंकित डामोर, डॉक्टर कल्पना खराड़ी ने ई इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण की।

अंत में सचिव डॉ. डी. के. गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया और संचालन डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपस्थित मेडिकल प्रैक्टिशनर्स ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे और इस ज्ञानवर्धक सत्र से प्राप्त अनुभव साझा किए।



इस चिकित्सकीय संगोष्ठी में रोगी देखभाल में नए मानकों की स्थापना तथा आधुनिक तकनीकों के व्यावहारिक उपयोग पर विस्तार से चर्चा हुई, जिससे चिकित्सकों को नवीनतम अनुसंधान आधारित उपचार प्रोटोकॉल्स अपनाकर रोगियों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्रेरणा मिली।

 


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