खान विभाग ने ढ़ाई माह में अर्जित किया 1670 करोड़ का राजस्व इसी अवधि में अर्जित अब तक सर्वाधिक राजस्व

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Published on : 20 Jun, 25 11:06

खान विभाग ने ढ़ाई माह में अर्जित किया 1670 करोड़ का राजस्व इसी अवधि में अर्जित अब तक सर्वाधिक राजस्व

राजस्व बढ़ोतरी के और अधिक होंगे समन्वित प्रयास- प्रमुख सचिव श्री रविकान्त
मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में खनिज खोज में एआई के उपयोग का पायलट प्रोजक्ट
सभी एप्लीकेशंस होगी ऑनलाईन- पारदर्शिता, समय व धन की होगी बचत
अधिक से अधिक मिनरल प्लाटों के डेलिनियेशन कर ऑक्शन पर जोर

उदयपुर। खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने माइनिंग सेक्टर में राजस्व बढ़ोतरी के समन्वित प्रयास करने के निर्देश देते हुए निर्धारित लक्ष्य शत-प्रतिशत अर्जन की रणनीति तय करने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 17 जून तक 1670 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित हुआ है जो इसी अवधि का अब तक का सर्वाधिक राजस्व है। उन्होंने विभागीय गतिविधियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए माइनिंग से जुड़ी सभी एप्लीकेशंस को ऑनलाईन करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी को भी कार्य विशेष के लिए विभाग के कार्यालयों में अनावश्यक नहीं आना पड़े।

प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त शुक्रवार को उदयपुर खनिज भवन में हाईब्रिड मोड पर विभागीय अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा माइनिंग प्लान के ऑन लाईन अनुमोदन की व्यवस्था कर दी है इसी तरह से लीज इन्फोर्मेशन और डिमाण्ड सिस्टम की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाईन करने से समय व धन की बचत के साथ ही खानधारकों को बड़ी राहत मिलने लगी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में अब पायलट आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निग सिस्टम का उपयोग मिनरल एक्सप्लोरेशन के लिए शुरु किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के परिणामां का विश्लेषण कर इसे और अधिक विस्तारित किया जाएगा। इसी तरह से डीएमएफटी को और अधिक व्यावहारिक बनाते हुए खनन प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य, षिक्षा, कौषल विकास, महिला बाल विकास सहित सीधे आम आदमी से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी है।

श्री रविकान्त ने खनिज प्लाट और ब्लॉक तैयार करने के डेलिनियेशन व अन्य कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने के साथ ही माइनिंग व जियोलोजी विंग में बेहतर समन्वय पर जोर दिया ताकि अधिक से अधिक माइनर व मेजर मिनरल के ब्लॉक तैयार कर ऑक्शन किया जा सके। इससे माइनिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और राजस्व की बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही अवैध खनन पर भी रोक लग सकेगी। उन्होंने पुरानी व करन्ट बकाया राशि की वसूली के और अधिक कारगर प्रयास करने को कहा।

निदेशक माइंस श्री दीपक तंवर ने कहा कि अधीक्षण खनि अभियंता स्तर पर राजस्व वसूली, डेलिनियेशन, प्लॉट ऑक्षन, आरसीसी/ईआरसीसी ठेकों की नीलामी व रायल्टी वसूली आदि प्रमुख बिन्दुओं पर नियतकालीन समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने खान धारक पर सरकारी राजस्व की बकाया ड्यू होते ही उसे जमा कराने का नोटिस चले जाना चाहिए ताकि समय पर राजस्व आ सके।

श्री तंवर ने विश्वास दिलाया कि विभाग द्वारा राज्य सरकार द्वारा तय राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से कहा कि राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय वर्ष के अंतिम महिनों तक प्रतीक्षा करने के स्थान पर निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रतिमाह वसूली की जाये। समीक्षा बैठक में न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों, विधानसंभा के लंबित प्रकरणों, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव स्तर से प्राप्त पत्रों और अभाव अभियोगों के तयसमय सीमा में निष्पादन के निर्देष दिए गए। बैठक में संयुक्त सचिव श्रीमती आशु चौधरी, ओएसडी श्री श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी श्री सुनील वर्मा, जेएलआर श्री गजेन्द्र सिंह, विभाग के अतिरिक्त निदेशक माइनिंग और भूविज्ञान, अधीक्षण खनिज अभियंता, एमई-एएमई व अधीक्षण भूवैज्ञानिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया।


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