उदयपुर, 13 जून। चाइल्ड फण्ड इंडिया एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह की रोकथाम हेतू एक दिवसीय जिता स्तरीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभित्र विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि जनप्रतिनिधि, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने हेतु समन्वित प्रयासों पर बल देना है। संवाद के दौरान बाल विवाह के कारणों, उसके सामाजिक और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों तथा इससे निपटने के लिए नीति, कानून और योजनाओं पर चर्चा की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कुलदीप शर्मा द्वारा उपस्थित ग्राम कोटडा झाडोल और गोगुन्दा के जनप्रतिनिधियों, संगठनों से चर्चा की। बाल विवाह के कानून के साथ शिक्षा द्वारा बदलाव पर जोर दिया और आव्हान किया कि जब तक स्वयं नहीं बदलेंगे समाज नहीं बदलेगा। पूर्व संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग शिवजी गौड ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है, जो न केवल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय करता है, बल्कि समाज के समय विकास को भी बाधित करता है। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे ग्राम स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाएं और बाल विवाह के मामलों में त्वरित कार्यवाही सुनिक्षित करें।
चाइल्ड फण्ड इंडिया के प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय परियोजना स्वाभिमान के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति दी और यह बताया कि किस प्रकार किशोरियों को जीवन कौशल, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प लिया गया कि प्रत्येक पंचायत कार पर बाल विवाह रोकथाम समिति की सक्रियता बढ़ाई जाएगी तथा सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। चाइल्ड फण्ड द्वारा इस संवाद कार्यक्रम में फील्ड कार्यकर्ता गणेश, भूरी लात, सक्नी राम् तुतसी, तीता रेवा राम, महेगा इत्यादि ने ग्रामीणों को जोड़ने का कार्य किया संचालन आशीष चौधरी ने किया।