सुंदरवास की सुंदर बावड़ी पर श्रमदान

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Published on : 10 Jun, 25 08:06

सुंदरवास की सुंदर बावड़ी पर श्रमदान

बावड़ी बचाओ विरासत बचाओ एवं जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत आज यहां सुंदरवास की सुंदर बावड़ी जिसके नाम से इस क्षेत्र का नाम सुंदरवास प़डा जो अब महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के परिसर में स्थित है उस पर आज श्रमदान किया गया । इस अवसर पर  भारत विकास परिषद एवं प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में आज प्रातः 7:30 बजे से 10:00 बजे तक सुंदर ईश्वर महादेव स्थित सुंदर बाई की ऐतिहासिक बावड़ी में सफाई एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील जोशी ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “समाज में विकास और प्रगति तभी संभव है जब हम स्वच्छता और जल संसाधनों के संरक्षण को प्राथमिकता दें। हमें मिलकर काम करना चाहिए और युवाओं को इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए।” हम ऐसी बावड़िया बना नहीं सकते तो हमारे पुरखो और राजा महाराजाओं ने यह जो बावड़िया बनाई है उनका संरक्षण तो कर ही सकते हैं। इस अवसर पर डॉक्टर जोशी ने आगे भी इस कार्य हेतु सहयोग करने का आह्वान किया। पर्यावरण संयोजक करण मल जारोली ने श्रमदान प्रारंभ करते हुए कहा कि यह बावड़ी हमारी सुंदरवास की विरासत है इसे हमें संजो कर रखना है । भारत विकास परिषद के वरिष्ठ सदस्यएवम प्रांतीय जल संरक्षण प्रभारी डॉ. पी.सी. जैन ने बावड़ी में जल की गुणवत्ता की जांच की तो टी डी  एस 733 मिलीग्राम प्रति लीटर आया जो उचित है तथा  पानी 75 फीट पर है  और स्वच्छ है।  उन्होंने बताया कि बावड़ी में अब भी  सुरक्षित जल स्रोत उपलब्ध हैं जिन्हें पुनर्जीवित कर शहर को लाभान्वित किया जा सकता है। एनएसएस प्रोगाम ऑफीसर डॉ रणवीर शेखावत ने कार्यक्रम का संयोजन किया। कार्यक्रम में जैन सोशल ग्रुप कुटुंब तथा महावीर स्वाध्याय मंडल सुंदरवास के युवा सदस्यों ने बावड़ी की साफ सफाई में अध्यक्ष प्रवीण नाहर के साथ भाग लिया।  “कर्म भूमि से मात्रभूमि “एवम “ जल संरक्षण - जन अभियान” की मोनिका राठौर ,मूमल शेखावत ,याशिका सालवी भी कार्यक्रम में उपस्थित थी | कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. विक्रमादित्य दवे ने सभी सहभागी प्राध्यापकों, कर्मचारियों, छात्रों एवं भारत विकास परिषद के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा अंत में सभी को मंदिर प्रांगण में जलपान हेतु आमंत्रित किया। परिषद के अध्यक्ष आर एल जैन, सचिव शोभा लाल दशोरा एवं कोषाध्यक्ष निर्भय बाबेल भी  अन्य सदस्यों के साथ उपस्थित थे|


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