ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप के तहत जल स्वावलंबन पर संगोष्ठी आयोजित

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Published on : 08 Jun, 25 09:06

उदयपुर में उत्कृष्ट जल परंपराओं, नीतियों और तकनीकों को अपनाने पर जोर

ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप के तहत जल स्वावलंबन पर संगोष्ठी आयोजित

 

उदयपुर,  विद्या भवन पॉलिटेक्निक सभागार में शुक्रवार को आयोजित संगोष्ठी में जल स्वावलंबन को लेकर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। संगोष्ठी का आयोजन ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप की सहभागी संस्थाओं—विद्या भवन सोसायटी, महाराणा प्रताप कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, डेवलपमेंट सपोर्ट सेंटर एवं आईएफएसडी के तत्वावधान में हुआ।


कार्यक्रम की अध्यक्षता जल ग्रहण क्षेत्र विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रज्ञा सक्सेना ने की। संगोष्ठी में जलदाय विभाग, नगर निगम, तथा जल ग्रहण क्षेत्र विभाग की सहभागिता रही।

विशेषज्ञ वक्ताओं ने बताया कि भारत और विश्व की श्रेष्ठ जल परंपराओं, नीतियों और तकनीकों को अपनाकर ही जल स्वावलंबन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार, संस्थाओं, मीडिया, नागरिकों और उद्योग जगत की सामूहिक भागीदारी से यह लक्ष्य संभव है।

विद्या भवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता, सीटीएई के जल विभागाध्यक्ष डॉ. मनजीत सिंह, और वीबीआरआई की जूलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुषमा जैन ने ऑस्ट्रेलिया में हुए अनुभव साझा करते हुए “केचमेंट टू टेप” और “केचमेंट टू स्ट्रीट” अप्रोच की सराहना की। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में झीलों से लेकर घर तक जल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है और सभी वर्गों के लोग नल का पानी ही उपयोग में लेते हैं।

नगर निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मुकेश पुजारी और अधिशाषी अभियंता अखिल गोयल ने बताया कि निगम द्वारा जल स्रोतों में एयरेटर लगाए जा रहे हैं जिससे पानी की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।

जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियंता अखिलेश शर्मा ने कहा कि विभाग प्रत्येक नागरिक तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, जलग्रहण विकास विभाग के अधिशाषी अभियंता एम.एस. अत्री और नरेंद्र सोनी ने गांवों में जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन के प्रयासों की जानकारी दी।

संगोष्ठी में मारवी भूजल संवर्धन योजना पर मोहन शर्मा ने प्रस्तुति दी।

संगोष्ठी में अर्पण सेवा संस्थान, महान सेव संस्थान, सृष्टि सेवा समिति, गायत्री सेवा संस्थान एवं रेनोवर्स फाउंडेशन सहित कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी सहभागिता की और जल संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रज्ञा सक्सेना ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सहभागिता और समन्वय ही जल स्वावलंबन के मूल आधार हैं।

कार्यक्रम में विद्या भवन प्रबंधन सदस्य हरीश माथुर, रेवतीरमन श्रीमाली सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिल मेहता ने किया और आभार विद्या भवन के मानद सचिव गोपाल बंब ने व्यक्त किया।


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