डीकैथलॉन में अब पुराने प्रोडक्ट बेचें, बदलें या रिपेयर करवाएं, कम्पनी लाई 'सर्कुलर मॉडल'

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Published on : 05 Jun, 25 06:06

भारत में अभी 95 से अधिक स्टोर पर रिपेयर सर्विस की उपलब्धता, 90 से ज्यादा स्टोर पर रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स की पुन: बिक्री और 50 से अधिक स्टोर पर पुराने उपकरणों के बायबैक की सुविधा

डीकैथलॉन में अब पुराने प्रोडक्ट बेचें, बदलें या रिपेयर करवाएं, कम्पनी लाई 'सर्कुलर मॉडल'

नई दिल्ली : मल्टी स्पेशलिस्ट स्पोर्ट्स ब्रांड डीकैथलॉन ने भारत में अपने सर्कुलर बिजनेस मॉडल को लॉन्च करने की घोषणा की। रिपेयर, बायबैक, रीसेल और डीआईवाई (डू इट योरसेल्फ) स्पेयर्स जैसे सर्कुलर मॉडल्स के माध्यम से डीकैथलॉन 2027 तक अपने सर्कुलर टर्नओवर को तीन गुना करने के लिए तैयार है। 2024 की तुलना में इसमें 200 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। यह पर्यावरण संरक्षण, कचरा कम करने (वेस्ट रीडक्शन) और रीजनरेटिव बिजनेस की दिशा में कम्पनी का अहम कदम है।

इस पहल के साथ डीकैथलॉन भारत में पहली ऐसी स्पोर्ट्स रिटेलर बन गई है, जिसने बड़े पैमाने पर सर्कुलैरिटी को अपनाया है। भारत में डीकैथलॉन का सर्कुलर बिजनेस अभी मुख्यत: तीन ऑफरिंग्स पर केंद्रित है: 95 से अधिक स्टोर पर रिपेयर सर्विस की उपलब्धता, 90 से ज्यादा स्टोर पर रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स की पुन: बिक्री और 50 से अधिक स्टोर पर पुराने उपकरणों के बायबैक की सुविधा। धीरे-धीरे इसे पूरे देश में और फिर ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जाएगा। इन सेवाओं से न केवल डीकैथलॉन के प्रोडक्ट्स की लाइफ बढ़ेगी, बल्कि बर्बादी कम होगी और साथ ही प्रोडक्ट्स का कार्बन फुटप्रिंट भी कम करने में मदद मिलेगी। अनुमान है कि इस पहल के परिणामस्वरूप 2027 तक 3,00,000 से ज्यादा स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स को लैंडफिल्स में जाने से रोका जा सकेगा। इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को उल्लेखनीय रूप से कम करना संभव होगा।

 

भारत में इस पहल की शुरुआत डीकैथलॉन की वैश्विक डीकार्बनाइजेशन स्ट्रेटजी का हिस्सा है। इस रणनीति के तहत 2050 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के मामले में नेट जीरो हासिल करने और 2030 तक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को 42 प्रतिशत तक कम करने जैसे लक्ष्य शामिल हैं। इन लक्ष्यों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने, टिकाऊ व रिपेयर किए जा सकने वाले प्रोडक्ट्स डिजाइन करने, सेकेंड लाइफ सॉल्यूशंस को बढ़ावा देने और साइट पर होने वाले उत्सर्जन को कम करने जैसे कदमों के माध्यम से हासिल किया जाएगा।

 

डीकैथलॉन इंडिया के सीईओ शंकर चटर्जी ने कहा, ‘हमने हमेशा से इस बात में विश्वास किया है कि सुगमता एवं पर्यावरण संरक्षण (एक्सेसिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी) को साथ-साथ चलना चाहिए। जैसे-जैसे हमारे ग्राहक बढ़ रहे हैं, उसी के साथ ऐसे हाई क्वालिटी व टिकाऊ प्रोडक्ट्स देने की हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है, जिनसे पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सके, साथ ही जो किफायती भी हों। वैसे तो सस्टेनेबिलिटी हमारी सतत प्रतिबद्धता है, लेकिन सेकेंड लाइफ बाजार विशेष रूप से इसलिए भी उल्लेखनीय है, क्योंकि हम विश्व पर्यावरण दिवस की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। यह दिवस जिम्मेदारी के साथ उपभोग करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती देता है। इस अभियान के माध्यम से हम ऐसे स्पोर्ट्स रिटेल की कल्पना कर रहे हैं, जहां हर व्यक्ति ज्यादा खेले, कम भुगतान करे और ऐसे विकल्पों को अपनाए जो पर्यावरण उवं उनके स्वयं के प्रदर्शन, दोनों के अनुकूल हो।

 

डीकैथलॉन इंडिया की लीडर सस्टेनेबल डेवलपमेंट एनी जॉर्ज ने कहा,उद्देश्य के साथ संचालित होने वाले एक ब्रांड के तौर पर हमारा हमेशा से मानना रहा है कि सस्टेनेबिलिटी को हमारी डिजाइन, डिलीवरी एवं टेक बैक का हिस्सा होना चाहिए। भारत सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है और ऐसे में हमारा फोकस डिजाइनिंग से लेकर ड्यूरेबिलिटी तक वास्तविक एवं बड़े पैमाने पर अपनाए जा सकने वाले समाधान देने पर है, जिससे रिपेयर एवं बायबैक को आसान बनाया जा सके। यह पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को ही कम करने की बात नहीं है, बल्कि यह इस बात को नए सिरे से परिभाषित करने का प्रयास है कि लोग कैसे ज्यादा जिम्मेदारी के साथ खेलों की ओर कदम बढ़ा सकें।

 

डीकैथलॉन ने करीब पांच साल पहले फ्रांस, स्पेन, इटली, पुर्तगाल, यूके और पोलैंड जैसे बाजारों में अपने सर्कुलर बिजनेस मॉडल की शुरुआत की थी। इन देशों में ग्राहकों ने इसे तेजी से अपनाया है और रिपेयर एवं डीआईवाई स्पेयर्स एवं एक्सेसरीज के मामले में कंपनी ऑपरेशनल मैच्योरिटी तक पहुंच गई है। भारत में शुरुआत के साथ डीकैथलॉन ने लो-इंपैक्ट (पर्यावरण पर कम दुष्प्रभाव), सर्कुलर स्पोर्ट्स रिटेल के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। कंपनी लोगों को खेलों के प्रति आकर्षित करने के साथ-साथ पर्यावरण के अधिक अनुकूल भविष्य निर्माण की दिशा में प्रतिबद्ध है।


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