उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल एवं शिशू रोग सर्जरी विभाग में 42 दिन के शिशु के शरीर में पाए जाने वाले एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल ट्यूमर मेलानोटिक न्यूरोएक्टोडर्मल ट्यूमर ऑफ इन्फैंसी की सफल सर्जरी की गई है। इस सफल ऑपरेशन में बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर,ऑन्को सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा,ऐनेस्थिशिया विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.कृष्ण गोपाल,डॉ.स्वाति,डॉ.अजय,विष्णू,विवेक,मनीष एवं कल्पेश की टीम का सहयोग रहा।
दरअसल जयसमन्द के पिलादर निवासी 42 दिन के इस बच्चे को जन्म के 15 दिन बाद ही मुॅह में गॉठ हो गई परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए,एक दिन में गॉठ बड गई और दवाई देने के बाद सडने लग गई। चिकित्सकों ने अहमदाबाद ले जाने की सलाह दी। लेकिन गॉव में रहने वाले परिचित ने परिजनो को पेसिफिक हॉस्पिटल बेदला में डॉ.प्रवीण झंवर को दिखाने की सलाह दी।
परिजन बच्चें को पीएमसीएच लेकर आए और डॉ.झंवर को दिखाया तो जॉच करने पर पता चला की बच्चे के दुर्लभ मेलानोटिक न्यूरोएक्टोडर्मल ट्यूमर है जिसका ऑपरेशन द्वारा उपचार सम्भव था।
बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर ने बताया कि अभी तह इस तरह के विश्व में केवल 600 केस ही दर्ज है जिसमें से ये सबसे कम उम्र का बच्चा है जिसका पीएमसीएच में सफल ऑपरेशन किया गया।
डॉ.प्रवीण ने बताया कि मेलानोटिक न्यूरोएक्टोडर्मल ट्यूमर बहुत ही दुर्लभ और तेजी से बढ़ने वाला ट्यूमर होता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह बच्चे के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। हमने पूरी टीम के साथ मिलकर इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑपरेशन के बाद शिशु की हालत लगातार सुधार रहा और वह सामान्य रूप से दूध पीने लगा।
डॉ.झंवर ने स्पष्ट किया कि मेलानोटिक न्यूरोएक्टोडर्मल ट्यूमर ऑफ इन्फैंसी एक जन्मजात ट्यूमर होता है जो मुख्य रूप से 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं में पाया जाता है। यह ट्यूमर मस्तिष्क के तंत्रिका शिखा कोशिकाएं से उत्पन्न होता है। जो मुख्य रूप से शिशुओं के सिर व चेहरे की हड्डियों,विशेष रूप से ऊपरी जबड़े में विकसित होता है। यह ट्यूमर काला या नीला रंग लिए हो सकता है और बहुत तेजी से बढ़ता है, जिससे बच्चे को सांस लेने और दूध पीने में कठिनाई होती है। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह ट्यूमर आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है।
बच्चें के परिजनों ने बच्चे के परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल,ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल, सभी चिकित्सकों, मैनेजमेंट, नर्सिंग कर्मियों एवम् स्टाफ का आभार जताया और कहा कि यह सफलता उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।
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