तेजस्विनी सिंदूर शक्ति विजयोत्सव : मातृशक्ति के शौर्य और राष्ट्रभक्ति को नमन

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Published on : 25 May, 25 07:05

ऑपरेशन सिंदूर की विजय को समर्पित प्रेरणास्पद आयोजन

तेजस्विनी सिंदूर शक्ति विजयोत्सव : मातृशक्ति के शौर्य और राष्ट्रभक्ति को नमन

उदयपुर। शौर्यवान नारी शक्ति मंच एवं रवींद्रनाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज "तेजस्विनी सिंदूर शक्ति विजयोत्सव" का आयोजन बड़े ही गरिमामयी और प्रेरणास्पद वातावरण में किया गया। यह कार्यक्रम देश के गौरवशाली "ऑपरेशन सिंदूर" की वीरगाथा को समर्पित रहा, जिसने नारी सशक्तिकरण के साथ राष्ट्र की सुरक्षा में एक नया इतिहास रचा।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता आई.जी. श्री राजेश मीणा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में  उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. नीलम ने किया।

 

संयोजिका डॉ. अंशु शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ पहलगाम आतंकी हमले में बलिदान हुए वीरों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात उदयपुर से जुड़े सेना के वीरों—मेजर मुस्तफा, लेफ्टिनेंट अभिनव नागौरी तथा लेफ्टिनेंट अर्चित वर्डिया—के परिजनों को उपरना ओढ़ाकर, रक्षा सूत्र बांधकर व भारत माता का चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

 

मुख्य वक्ता श्रीमती रुचि श्रीमाली ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में नारी शक्ति के शौर्य, आत्मविश्वास और राष्ट्र सेवा की भावना को बल प्रदान करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “भय बिनु होय न प्रीत” की नीति पर चलते हुए भारत ने साहसिक निर्णय लेकर देश की रक्षा की है।

 

IG श्री राजेश मीणा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी सदा ही शक्ति का प्रतीक रही है और ऑपरेशन सिंदूर ने भी विश्व को दिखा दिया कि नारी भारतीयों के लिए क्या है।

 

इस अवसर पर RNT कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. विजय गुप्ता, डॉ. कीर्ति एवं डॉ. हरचरण की गरिमामयी उपस्थिति रही। साथ ही समाज की प्रतिष्ठित मातृशक्तियों—डॉ. राधिका लड्डा, डॉ. राजश्री गांधी, निर्मला गर्ग सहित अनेक बुद्धिजीवी एवं सामाजिक संगठन की महिलाएं भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस आयोजन की गरिमा को और अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचाया। सह संयोजिका डॉ. वंदना, डॉ. सुनीता एवं डॉ. नेहा भी वयं उपस्थित रहीं। 

 

सेना के प्रति आभार ज्ञापन हेतु एक विशेष हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें उपस्थित सभी श्रोताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर ऑपरेशन सिंदूर की विजय के प्रतीक स्वरूप मिठाई का वितरण किया गया तथा वंदे मातरम् के साथ आयोजन का समापन हुआ।

 

यह आयोजन मातृशक्ति की राष्ट्रभक्ति, साहस और सामाजिक चेतना का सशक्त उदाहरण बना, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा


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