प्रोटोकाल के अनुसार किया योग का पूर्वाभ्यास
रेली, नुक्कड़ नाटक से करेंगे आमजन को जागरूक
योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाये - डॉ. राजीव भटट्
उदयपुर/ ‘‘ एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग ’’ थीम पर आगामी 21 जून को 11 अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा। शनिवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय के सभागार मे प्रोटोकाल के अनुसार योग का पूर्वाभ्यास किया गया। समारोह के मुख्य वक्ता आयुर्वेद विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राजीव भटट् ने कहा कि व्यक्ति आधुनिक लाईफ स्टाईल एवं खान पान के कारण आमजन की इम्युनिटी में निरंतर गिरावट आ रही है जिसका परिणाम हम कोरोनाकाल में देख चुके है। इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग जरूरी है और ये सिर्फ एक दिन करने नहीं बढ़ेगी, योग को अपनी दिनचार्य का हिस्सा बनाने ने बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष की थीम को रखा गया है। पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव स्वस्थ रहे जिसमें मनुष्य के साथ पेड़ पौधे, पशु - पक्षी , वन्य जीव सभी है। ये सभी एक दूसरे से जुड़े हुए है इनकी रक्षा करना भी हमारा कर्तव्य है।
जिने की कला सिखाता है योग - कर्नल प्रो. सारंगदेवोत
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि योग जिने की कला सिखाता है जिसके माध्यम से कैसे अधिक समय तक स्वस्थ जीवन जीया जा सके। हमारे ऋषि, मुनि तपस्या के माध्यम से हजारों वर्षो तक जीवित रहते थे। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को योग भारत की देन है। योग गुरू शिव को माना गया है। इस वर्ष एक पृथ्वी , एक स्वास्थ्य के लिए योग थीम पर पूरे विश्व में आयोजन होंगे जिसके माध्यम से वैश्विक स्वास्थ और कल्याण को बढावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा ताकि स्वस्थ भविष्य की खोज में दुनिया भर के लोगों को एकजुट किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजुरी दी थी।
वंचित वर्ग तक योग को पहुंचाने की जरूरत - भंवर लाल गुर्जर
मुख्य अतिथि कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि योग ओर अधिक प्रचार प्रसार करने की जरूरत है और इसे वंचित वर्ग तक पहुंचाने की आवश्यकता है। हमारी 70 प्रतिशत आज भी गांवों में रहती है जो शहरी वातावरण से बहुत दूर है।
प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि समारोह में पीजी डिप्लोमा इन योग के विद्यार्थियों को टेªक सूट वितरित किए ।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा, प्रो. जीएम मेहता, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. ममता कुमावत, डॉ. मनीष पालीवाल, अनिता राजपुत, डॉ. शुुभा सुराणा सहित कार्यकर्ता एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
संचालन गौरभ भटट् ने किया जबकि आभार योग समन्वयक डॉ. रोहित कुमावत ने जताया।