श्रीगंगानगर : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने हेतु शुरू की गई नई पहलों को राजस्थान में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान श्री नवीन महाजन ने दी।
श्री महाजन ने बताया कि इन पहलों को छह प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिक और निर्वाचन आयोग की प्रशासनिक सुधार पहलें शामिल हैं।
मतदाताओं के हित सर्वोपरि
एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है, जिससे कतारों और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
बहुमंजिला इमारतों एवं घनी कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
मृत्यु पंजीकरण की जानकारी अब सीधे आरजीआई (रजिस्ट्रेशन जनरल ऑफ इंडिया) डेटाबेस से प्राप्त कर मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
राजनीतिक दलों के साथ समन्वय
सम्पूर्ण देश में सीईओ, डीईओ और इआरओ स्तर पर 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राज्य में डीईओ और इआरओ स्तर पर आयोजित हुई इन बैठकों में क्रमशः 182 व 921 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ संवाद स्थापित किया, जिनमें आम आदमी पार्टी, भाजपा, बसपा, माकपा, एनपीपी प्रमुख रहे।
आईआईआईडीईएम (इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट) में बूथ लेवल एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए गए।
प्रक्रियागत सुधार
नया ईसीआइएनईटी डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है, जो सभी निर्वाचन सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा।
डुप्लीकेट इपिक (मतदाता पहचान पत्र) नंबर की समस्या का समाधान किया गया है। अब प्रत्येक इपिक नंबर अद्वितीय होगा।
कानूनी प्रावधान
28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, प्रत्याशी आदि शामिल हैं।
इन हितधारकों के लिए आरपी अधिनियम, नियमों और आयोग के निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है।
निर्वाचन कार्मिकों हेतु सशक्तिकरण
बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।
आईआईआईडीईएम नई दिल्ली में अब तक 3000 से अधिक बूथ पर्यवेक्षक प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। आगामी वर्षों में 1 लाख बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है। राजस्थान से प्रथम बैच 26-27 मई को प्रशिक्षण प्राप्त करेगा, जिसमें 67 बीएलओ पर्यवेक्षक भाग लेंगे।
एसएमएनओस और एमएनओस के लिए सीईओ कार्यालयों से उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए। जिसमें राजस्थान सीईओ कार्यालय के अतिरिक्त एक जिला संपर्क अधिकारी करौली ने भी भाग लिया।
बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
भारत निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार
आयोग कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है।
ई-ऑफिस प्रणाली को लागू करते हुए कागज़ रहित कार्यप्रणाली की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।
सीईओ के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं ताकि जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की निगरानी हो सके।
मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक स्पष्ट एवं उपयोग अनुकूल बनाया गया है। अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित होंगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने कहा कि ‘यह सभी पहलें निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होंगी। राजस्थान राज्य इस दिशा में अग्रणी बनने के लिए संकल्पित है।‘