6 माह बाद भाई का भाई से मिलन 

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Published on : 23 May, 25 11:05

6 माह बाद भाई का भाई से मिलन 

उदयपुर : 13 मई 2025 को किशन लाल की सूचना पर उदयपुर - नाथद्वारा राष्ट्रीय  राजमार्ग से एक आश्रयहीन, शारीरिक रूप से अस्वस्थ परिवार से बिछुड़े  एक प्रभुजी को अपना घर आश्रम उदयपुर की रेस्क्यू टीम ने सेवा उपचार और पुनर्वास हेतु आश्रम में भर्ती किया। उस समय प्रभुजी की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहे थे। आश्रम में की गई निरंतर सेवा एवं उपचार से प्रभुजी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और 20 मई को काउंसलिंग के दौरान उन्होंने अपने परिवार के बारे में जानकारी दी। अपना नाम गोपाल बताया और जूनागढ़ ,गुजरात का निवासी बताया साथ ही अपने बड़ेभाई राकेश के मोबाइल नंबर बताए जिस पर उनके भाई से एवं माताजी से वीडियो कॉल पर बात कराई गई। 6 माह बाद माताजी अपने पुत्र से बात करते-करते इतनी भावुक हो गई कि उनकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
सूचना मिलने पर गोपाल प्रभु जी के बड़े भाई राकेश उनको लेने के लिए अपना घर आश्रम आए बड़े भाई राकेश ने बताया कि 19 नवंबर 2024 को गोपाल पोरबंदर जाने की कह कर घर से निकल गया उस समय उसकी मानसिक दशा ठीक नहीं थी इलाज भी चल रहा था आसपास में काफी खोजबीन की परंतु कहीं इनका पता नहीं चला। नजदीकी पुलिस थाने में गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 20 में 2025 को आश्रम से उनके बारे में जानकारी मिली तो परिवार में खुशियां छा गई मां अपने पुत्र को देखने के आतुर हो गए जिस पर वो अपने छोटे भाई को लेने के लिए आश्रम आए। आश्रम में अपने भाई के मानसिक स्वास्थ्य में परिवर्तन देखकर वह आश्चर्य करने लगे उन्होंने इसके लिए आश्रम की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि अपना घर आश्रम सेवा की अद्भुत मिसाल है इसके लिए कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है।
आश्रम की आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर आश्रम अध्यक्ष गोपाल कनेरिया, वित्त सचिव प्रकाश जोशी, मीडिया प्रभारी गोपाल डांगी एवं कार्यालय प्रभारी सुल्तान सिंह ने प्रभु जी को तिलक, उपरणा एवं पगड़ी 
 पहनाकर ससम्मान कुशलता पूर्वक अपने भाई के साथ अपने गांव ओसा ,तहसील मगरोल, जिला जूनागढ़, गुजरात के लिए विदा किया।

 


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