बांसवाड़ा। आज शहर में एक महत्वपूर्ण शिशु चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें उदयपुर स्थित GBH कैंसर हॉस्पिटल के प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अर्पित मित्तल ने शिरकत की। उन्होंने बांसवाड़ा के शिशु रोग विशेषज्ञों को बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर, उनके प्रारंभिक लक्षण और आधुनिक उपचार पद्धतियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
डॉ. मित्तल ने बताया कि बच्चों में ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर), ब्रेन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर और लिंफोमा जैसे कैंसर आमतौर पर देखे जाते हैं। यदि किसी बच्चे को लंबे समय तक बुखार रहना, बार-बार संक्रमण होना, आंखों में सफेदी या रोशनी पर असर, हड्डियों या जोड़ों में असहनीय दर्द, शरीर पर गांठें या सूजन, वजन का अचानक घटना जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत जांच करवानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन लक्षणों की समय पर पहचान कर कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे उपचारों के माध्यम से बच्चों को नया जीवन दिया जा सकता है। डॉ. मित्तल ने यह भी आग्रह किया कि शिशु रोग विशेषज्ञ ऐसे मामलों में विशेष सतर्कता बरतें और समय रहते रोगियों को कैंसर विशेषज्ञों तक पहुंचाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आई.पी. पु. ने की, जबकि संचालन डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी द्वारा किया गया। स्वागत भाषण डॉ. पंकज दोसी ने देते हुए बच्चों में कैंसर के बढ़ते मामलों और समय पर निदान की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर बांसवाड़ा के प्रतिष्ठित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश मेहता, डॉ. संजय शाह, डॉ. कृष्णा दोसी, डॉ. राहुल जैन, डॉ. प्रद्युम्न जैन और डॉ. पंकज कुमार उपस्थित रहे। सभी ने इस व्याख्यान को अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताते हुए अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि दो नए शिशु रोग विशेषज्ञ – डॉ. यशी दोषी और डॉ. से. महेश्वरी – का आईएपी बांसवाड़ा द्वारा अभिनंदन एवं स्वागत किया गया। उपस्थित चिकित्सकों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और क्षेत्र में उनकी सेवाओं का स्वागत किया।
आभार प्रदर्शन डॉ. रमेश मेहता ने करते हुए कहा कि बांसवाड़ा जैसे क्षेत्र में ऐसे आयोजन चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाते हैं। उन्होंने डॉ. अर्पित मित्तल का विशेष आभार प्रकट किया कि उन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद समय निकालकर बांसवाड़ा आगमन कर शिशु रोग विशेषज्ञों को अपडेट किया।