संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत, उदयपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के कार्यक्षेत्र में आने वाली पैक्स/लेम्प्स समितियों के व्यवस्थापकों के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की सेवाओं पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन प्रतापनगर स्थित प्रधान कार्यालय सभागार में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक श्री अनिमेष पुरोहित ने बताया कि पैक्स/लेम्प्स त्रिस्तरीय सहकारी ऋण संरचना की अंतिम कड़ी हैं, जिन्हें 'सहकार से समृद्धि' अभियान के अंतर्गत आर्थिक रूप से सशक्त बनाना सरकार और सहकारिता विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सीएससी के माध्यम से पैक्स समितियां 300 से अधिक सेवाएं प्रदान कर अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं।
प्रशिक्षण के पहले सत्र में बैंक के कंप्यूटर प्रोग्रामर श्री हितेश पांचाल ने प्रतिभागियों को सीएससी की आधारभूत जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार समितियां स्वयं को सीएससी के रूप में पंजीकृत कर सकती हैं। उन्होंने फार्मर रजिस्ट्री सहित कई प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया।
द्वितीय सत्र में उदयपुर जिले के सीएससी कोऑर्डिनेटर श्री हितेश पारीक ने सीएससी के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं—जैसे सरकारी योजनाओं में पंजीकरण, वित्तीय समावेशन, कृषि, स्वास्थ्य, ई-स्टोर, यात्रा, शिक्षा, ई-मोबिलिटी आदि—का परिचय दिया। उन्होंने सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले कमीशन और लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, सहकारिता विभाग की अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्रीमती गुंजन चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि पैक्स का कार्यक्षेत्र अब बहुत विस्तृत हो गया है। उन्होंने समिति व्यवस्थापकों को आत्मनिर्भर बनने हेतु सहकारिता मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
क्षेत्रीय निरीक्षण अधिकारी श्री आशुतोष भट्ट ने कहा कि पैक्स समितियां सहकारिता आंदोलन की मूल इकाई हैं, और इन्हें सुदृढ़ करने से पूरा आंदोलन मजबूत होगा। उन्होंने सभी व्यवस्थापकों को सीएससी सेवाएं प्रारंभ करने की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. धर्मेश मोटवानी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बैंक की अधिशासी अधिकारी डॉ. मेहजबीन बानों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उदयपुर, सलुंबर, राजसमंद और धरियावद क्षेत्रों से आए 70 से अधिक समिति व्यवस्थापक, बैंक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।