उदयपुर: वैशाखी पूर्णिमा 12 मई को आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी का 104वां जन्मदिवस उदयपुर डायोसिस यूनिट की तरफ से हर्षोल्लास से मनाया गया. भुक्ति प्रधान डॉ. एस. के वर्मा ने बताया की आनंद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर रविवार दिनांक 27 अप्रैल 2025 से शुरू होकर रविवार दिनांक 11 मई 2025 तक एक पखवाड़े के विविध आयोजन किये गए.
पखवाड़े के प्रथम दिन रविवार 27 अप्रैल को टेकरी-मादरी स्थित जागृति में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों के लिए विशिष्ठ चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. साथ ही नारायण सेवा के रूप में रोगियों को सात्विक नाश्ता करवाया गया. रविवार को ही सांयकाल तीन से छह बजे तक साधकों द्वारा मिल कर अष्टाक्षर सिद्ध महामंत्र 'बाबा नाम केवलम' का अखंड कीर्तन किया गया.
दिनांक 28 अप्रैल 2025 को संध्याकाल में सामूहिक धर्मचक्र,वर्णाध्यान, तथा स्वाध्याय किया गया. मंगलवार दिनांक 29 अप्रैल 2025 को मार्गगुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा दिए गए सामाजिक-आर्थिक दर्शन 'प्रउत' के सिद्धांतों पर चर्चा की गयी. उल्लेखनीय है कि, प्रउत साम्यवाद और पूंजीवाद का एक उत्तम विकल्प है जिसमें सभी व्यक्तियों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति का समाधान समाहित है. दिनांक 30 अप्रैल 2025 को आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम (अमर्ट), उदयपुर के तत्वावधान में डॉ. एस. के वर्मा द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न रोगियों की जाँच करके उन्हें निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई गई. गुरुवार दिनांक 1 मई 2025 को मार्ग गुरु द्वारा दिए गए माइक्रोवाइटा सिद्धांत पर आधारित रोगों के कारण और निवारण के उपायों पर डॉ. वर्मा द्वारा चर्चा की गयी. माइक्रोवाइटा अर्थात अणुजीवत, विश्व ब्रह्माण्ड की सबसे सूक्ष्म सत्ता है जो सजीव और निर्जीव की बीच की कड़ी है और पृथ्वी पर जीवन की उत्पति का कारण है. धनात्मक और ऋणात्मक माइक्रोवाइटा की संतुलन का प्रयास कर मानव जाति विभिन्न रोगों से दूर रह सकती है.
दिनांक 2 मई 2025 को सदाशिव द्वारा प्रदत तांडव नृत्य और श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा आविष्कृत कौशिकी नृत्य में छिपे विज्ञान पर चर्चा हुई. दिनांक 3 मई 2025 को श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा सिखलाई गयी साधना पद्धति में छिपे विज्ञान को समझाया गया. डॉ. वर्मा ने बताया की यह मानसा-आध्यत्मिक साधना तंत्र तथा योग विज्ञान का एक अद्भुत सम्मिश्रण है जिसे करने से मानव की आध्यात्मिक मुक्ति संभव है. रविवार दिनांक 4 मई 2025 को अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र 'बाबा नाम केवलम' का अखंड कीर्तन जो प्रत्येक न्यूनतम एक प्रहर अर्थात तीन घंटे की अवधि का होता है, संपन्न किया गया.
सोमवार दिनांक 5 मई 2025 को श्री पी. आर. सरकार उर्फ़ श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा योगिक चिकित्सा और द्रव्य गुण पुस्तक में दिए गए विभिन्न औषधीय पादपों पर हुए वैज्ञानिक अनुसंधानों से प्राप्त प्रमाणीकरण की जानकारी साझा की गयी. दिनांक 6 मई 2025 को श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा विभिन्न वायरस जनित रोगों पर समय-समय पर किये गए पूर्वानुमानों की वर्तमान प्रासंगिकता पर चर्चा की गयी. दिनांक 7 मई 2025 को अमर्ट, उदयपुर द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया तथा एकादशी के उपवास होने से धर्मचक्र का आयोजन किया गया.
गुरुवार दिनांक 8 मई 2025 को प्रभात संगीत - भक्ति का मार्ग विषय पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा की नूतन आशावाद से परिपूर्ण प्रभात संगीत श्री पी. आर. सरकार द्वारा केवल आठ वर्षों में दिए गए 5018 गीतों का समुच्चय है जो साधक को परमपुरुष से जुड़ने में अत्यंत सहायक है. दिनांक 9 मई 2025 को श्री इन्दर सिंह राठौर द्वारा मार्ग गुरुदेव द्वारा पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए गठित 'पीकैप' प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएल्टी तो प्लांट्स एंड एनिमल्स संस्था के तहत उदयपुर में किये जा रहे कार्यों की जानकारी साझा करी और बताया की वृहत स्तर पर पौधरोपण कार्यक्रम अनवरत चलायमान है. शनिवार 10 मई 2025 को प्रातः भ्रमण कर रहे व्यक्तियों को आनंद मार्ग दर्शन से परिचित कराया गया.
पखवाड़े के अंतिम दिन रविवार 11 मई 2025 को आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम (अमर्ट), उदयपुर द्वारा टीबी सेनिटोरियम, बड़ी में नारायण सेवा की गयी. भुक्ति प्रधान डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया की चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में भर्ती 300 रोगियों और उनके परिजनों को फल और बिस्कुट वितरित किये गए. तत्पश्चात मध्यान्ह में 'बाबा नाम केवलम' अष्टाक्षर सिद्ध महामंत्र जप के साथ टेकरी-मादरी रोड स्थित जागृति परिसर में एक प्रहर के अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया तथा धर्मचक्र, वर्णाध्यान, गुरुपूजा और स्वाध्याय का पाठ किया गया.
वैशाखी पूर्णिमा 12 मई को जन्मोत्सव कार्यक्रम के तहत आनंद मार्ग, उदयपुर की डायोसिस सेक्रेटरी (महिला) अवधूतिका आनंदकृष्णा आचार्या के सानिध्य में प्रातः: पांच बजे गुरु सकाश और पांचजन्य के बाद 'बाबा नाम केवलम' अष्टाक्षर सिद्ध महामंत्र जप करते हुए नगर कीर्तन किया गया. तत्पश्चात प्रातः 6:07 बजे जयघोष के द्वारा मार्ग गुरुदेव को माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन किया गया. तदुपरांत जन्मदिवस पर प्रभात संगीत गायन और आवर्त कीर्तन, सामूहिक धर्मचक्र तथा आनंद वाणी का पाठ हुआ. नारायण सेवा के तहत टेकरी-मादरी रोड पर मिठाई वितरण किया गया.
जन्मदिवस पर मार्गगुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा मानवता को विविध क्षेत्रो में दिए गए अवदानों जैसे मानसा-आध्यत्मिक साधना, प्रभात संगीत, प्रउत, नव्य-मानवतावादी शिक्षा, यौगिक चिकित्सा और द्रव्य गुण, माइक्रोवाइटा इत्यादि और उनकी जीवन यात्रा दर्शन के साथ ही कथा - कीर्तन का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम का समापन अपराह्न चार बजे सामूहिक आवर्त कीर्तन, धर्मचक्र, गुरुपूजा, और स्वाध्याय पाठ के साथ हुआ. इस अवसर पर आनंद मार्ग से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रश्नोत्तरी हुई जिसमे त्रिस्टा, करुणा तथा उषा दीदी क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थानों पर रही. कार्यक्रम के अंत में मार्ग के वरिष्ठ साधक-साधिकाओं और कर्मठ कार्यकर्ताओं को पुरुस्कृत किया गया. जन्मोत्सव कार्यक्रम में उदयपुर डायोसिस के विभिन्न स्थानों से साधकों ने हर्षोल्लास से भाग लिया तथा मार्गगुरु द्वारा दी गयी षोडश विधि का नियमित रूप से पालन करने के साथ ही विभिन्न जनकल्याणकारी विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया.