उदयपुर, कला, साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने जवाहर कला केंद्र, रवीन्द्र मंच, जयपुर कथक केंद्र सहित प्रदेश की विभिन्न अकादमियों के कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए जवाहर कला केंद्र को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। आदेश के अनुसार जवाहर कला केंद्र इन संस्थाओं के लिए पेंशन निधि का गठन एवं संचालन का कार्य करेगा। साथ ही पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के मुख्य लेखाधिकारी को ओपीएस प्रकरणों के निस्तारण में सहयोग के लिए अधिकृत किया है।
विभाग के इस निर्णय का राजस्थान साहित्य अकादमी सहित अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं के सेवानिवृत्त कार्मिकों ने स्वागत किया है। अकादमी से सेवानिवृत्त विष्णु पालीवाल ने बताया कि पूर्व में रवीन्द्र मंच सोसायटी को नोडल एजेंसी बनाया था लेकिन लगभग 25 माह व्यतीत होने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। इस पर कार्मिकों का प्रतिनिधि मंडल पंजाब के राज्यपाल से उनके उदयपुर प्रवास के दौरान मिला और अपनी समस्या से अवगत कराया। उन्होने विभाग के प्रमुख शासन सचिव रवि जैन से इस बारे में बात कर शीघ्र समाधान करने को कहा। परिणामस्वरूप विभाग ने नोडल एजेंसी बदल कर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इस प्रकरण में शहर विधायक ताराचंद जैन का भी सकारात्मक सहयोग रहा। पालीवाल ने बताया कि राज्य सरकार के वित्त विभाग ने अप्रैल 2023 में प्रदेश के राजकीय उपक्रमों, स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालय, अकादमियों आदि में भी पुरानी पेंशन योजना लागु करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस हेतु रवीन्द्र मंच सोसायटी को नोडल एजेंसी बनाया गया था लेकिन मंच ने पिछले दो साल में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं की। जबकि इन संस्थाओं के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने वित्त विभाग की मांग अनुसार ओपीएस का लाभ लेने के लिए एक मुश्त राशि जमा करवा दी थी। पालीवाल ने कहा कि दो साल से अधिक समय से पेंशन को तरस रहे कार्मिकों को पेंशन मिलने की उम्मीद बंधी है। इससे राजस्थान साहित्य अकादमी सहित जवाहर कला केंद्र, रवीन्द्र मंच, जयपुर कथक केंद्र, राजस्थान ललित कला अकादमी, सिंधी अकादमी, ब्रजभाषा अकादमी, ऊर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, बाल साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी व पंजाबी अकादमी के सेवानिवृत्त कार्मिकों को लाभ मिलेगा।