उदयपुर | वरिष्ठ संगीत रसिकों की संस्था "स्वर सुधा" ने अपना स्नेह मिलन कार्यक्रम एक निजी प्रतिष्ठान मे आयोजित किया | जिसमें संस्था के संगीत के धुरंधरों की दिल को छू लेनेवाली प्रस्तुतियों ने सभी श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया | मीडिया समन्वयक प्रो विमल शर्मा ने बताया की वरिष्ठ सदस्यो को नियमित रियाज कर सुरों को पक्का बनाए रखने व परस्पर निखार लाने के उद्धेश्य से आठ सालो से चल रही संस्था मे 45 वरिष्ठ संगीत प्रेमी युगल सक्रिय सदस्य हैँ | प्रारंभ में प्रतिष्ठान " बृज राज पैलेस" के कर्ताधर्ता ने सरस्वती वंदना की तथा सभी उपस्थितियों का स्वागत किया |
को फाउंडर के के त्रिपाठी ने राग भैरवी की बारीकिया बताई तो श्री चक्षु पांड्या ने अमर शास्त्रीय हास्य गीत " एक चतुर नार" गया जो वास्तव में चार रागों खम्माज, बिहाग, देस और छाया नट की एक रागमाला है | एम पी माथुर ने गज़ल गायकी में निखार लाने के लिए मशहूर गज़ल *लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में" पेश की |
रवि पाठक, अशोक जोशी, नीतू पारीक, रेनू माथुर, रजनी जोशी, उषा कुमावत की प्रस्तुतियों पर सभी झूमने को मजबूर हुए |
अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद सुरुचि भोजन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया | मंच संचालन श्रीमति( डॉ.) सुनीता शर्मा ने किया |