अदाणी पॉवर प्लांट हेड, श्री प्रमोद सक्सैना ने बताया कि विश्व दुग्ध दिवस को मनाने की शुरुआत संयुक्त खाद्य और कृषि संगठन की ओर से वर्ष 2001 में हुई थी। संगठन की ओर से जून के पहले दिन को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य डेयरी उद्योगों को उनकी पहचान दिलाना और दूध के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
इस अवसर पर अदाणी फाउंडेशन से वसीम अकरम हरिचरण एवं साबर डेरी से रघुवीर, पवन मीणा, करण, हिमांशु आदि उपस्थित रहे।
अदाणी फाउंडेशन सीएसआर हेड राजस्थान श्री गोपाल सिंह देवड़ा ने बताया कि दूध विश्व के लाखों लोगों की जीविका का साधन भी है। विश्व दुग्ध दिवस के दिन लोगों को डेयरी उद्योगों में साझेदारी करने के लिए प्रेरित किया जाता है। दूध वैश्विक खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व दुग्ध दिवस सभी के लिए दूध पदार्थों तक पहुँच सुनिश्चित करने और कुपोषण से लड़ने के प्रति लोगों को जागरूक बनाने का काम करता है।
अदाणी फाउंडेशन से रामचरण चौधरी ने बताया कि वर्ष 2017 से अदाणी फाउंडेशन द्वारा पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत उन्नत एवं दुधारू नस्ल की मादा संततियाँ क्षेत्र में पैदा हो रही हैं। अदाणी फाउंडेशन द्वारा हाड़ोती प्रगतिशील प्रोड्यूसर कम्पनी के माध्यम से वर्ष 2023 में पाँच गाँवों से दूध संकलन की शुरुआत की गई थी।
वर्तमान में साबर अमूल डेयरी के साथ कार्यक्रम को जोड़कर 25 गाँवों से 2000 लीटर दूध प्रतिदिन एकत्रित किया जा रहा है, जिससे प्रतिदिन 500 परिवारों को आमदनी हो रही है। समय के अनुसार इसमें बढ़त देखने को मिल रही है, साथ ही, यह क्षेत्र में लोगों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी।
साबर डेरी के किशन वाघेला ने बताया कि वर्तमान में तीन रूट्स से दोनों समय दूध एकत्रित किया जा रहा है।
इस अवसर पर उपस्थित दूध संकलन कर्ता एवं अन्य सहभागियों को कृषि के साथ-साथ पशुपालन पर जोर देने हेतु जागरूक किया गया।