वनों का विनाश करना एक तरह से मानवता का विनाश करना है : मुर्मू

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Published on : 25 Apr, 24 08:04

वनों का विनाश करना एक तरह से मानवता का विनाश करना है : मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को विकास के मानकों के पुनर्मूल्यांकन पर जोर देते हुए कहा कि वनों का विनाश करना एक तरह से मानवता का विनाश करना है। यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में भारतीय वन सेवा के व्यवसायिक प्रशिक्षण पाठयाम के दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, संसाधनों के अरक्षणीय दोहन ने मानवता को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां विकास के मानकों का पुनर्मूल्यांकन करना होगा। इस संबंध में उन्होंने मानव केंद्रित कालखंड एंथ्रोपोसीन युग का जिा किया तथा कहा कि हम पृथ्वी के संसाधनों के ओनर नहीं बल्कि ट्रस्टी है और इसलिए हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ ही प्रकृति ोंद्रित होनी चाहिए।


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