सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाएं एवं चिकित्सकीय नैतिकता“ पर  ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आगाज

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Published on : 22 Apr, 24 15:04

संस्कार से मिलते है नैतिक मूल्यः-डाॅ.पुर्नेन्दूू सक्सेना

सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाएं एवं चिकित्सकीय नैतिकता“ पर  ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आगाज

 

उदयपुर पेसिफिक मेडिकल विश्वविघालय,पेसिफिक विश्वविधालय,यूनिवर्सिटी एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज एवं राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान,ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वावधान में “सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाएं एवं चिकित्सकीय नैतिकता“ पर चार दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का पीएमयू के  चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल,सीईओ शरद कोठारी,चेयरमेन यूनेस्को एमजीआईईपी एवं गौतमबुद्ध विश्वविधालय ग्रेटर नोएडा के पूर्व कुलपति डाॅ.भगवती प्रकाश शर्मा, पीएमयू के प्रिसिडेन्ट डॉ.एम.एम. मंगल,छत्तीसगढ़ के रायपुर के विशारद हाॅस्पिटल के अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ.पुर्नेन्दूू सक्सेना, राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान,ग्रेटर नोएडा से डाॅ.अनुराग श्रीवास्तव एवं पीएमयू के चेयरमेन के सलाहकार  डाॅ.ए.पी.गुप्ता ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके किया।
कार्यक्रम के इस अबसर पर पीएमयू के प्रिसिडेन्ट डॉ.एम.एम. मंगल ने कहा कि चिकित्सीय क्षेत्र में चिकित्सक को नैतिकता एवं “सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाओं को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
इस दौरान चेयरमेन यूनेस्को एमजीआईईपी एवं गौतमबुद्ध विश्वविधालय ग्रेटर नोएडा के पूर्व कुलपति डाॅ.भगवती प्रकाश शर्मा ने इस कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूपरेखा एवं प्रयोजन से उपस्थित प्रतिभागियो,संकाय सदस्य आदि को अवगत कराया। उन्होने बताया कि हमारे खानपान का हमारे शरीर के स्वास्थ्य एवं जेनेटिक्स पर खासा प्रभाव पड़ता है एवं हमारी चित्तवृति उसके अनुसार बदलती रहती है। सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाएं वह प्रकल्प है जहाॅ चिकित्सकीय उपचार के साथ साथ मानव मूल्यों एवं संवेदनाओ का समावेश कर पीड़ित को लाभ प्रदान करता है। 
कार्यक्रम के दौरान भैयाजी जोशी अपने विडियों संदेश के माध्यम से इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम के सफल आयोजन के बधाई दी एवं इस प्रकल्प के मूल उद्धेश्स एवं तत्व की विवेचना की।
कार्यक्रम के दौरान प्रथम तकनीकी सत्र के  मुख्यवक्ता डाॅ.पुर्नेन्दूू सक्सेना ने अपने व्याख्यान के शीर्षक मॉडर्न मेडिसन एंड ऐनिसेन्ट वैल्यू पर बोलते हुए भारत की प्राचीन चिकित्सकीय प्रणाली एवं वर्तमान चिकित्सा क्षेत्र के बीच सामंजस्य बैठाते हुए विभिन्न उदाहरणों द्वारा सत्यता रूपी परिदृश्य से उपस्थित प्रतिभागियों का अवगत कराया। साथ ही उन्होने कहा कि संस्कार से नैतिक मूल्यों की प्राप्ति होती है। इसलिए प्रत्येक चिकित्सक को जीवन में मूल्यों आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए न की मस्तिष्क में केवल अर्थ कमाने की सोच रखनी चाहिए। मेडिकल विधार्थीयों को सम्बोन्धित करते हुए उन्होने कहा कि चिकित्सा की पढ़ाई के साथ साथ जीवन मूल्यों कों भी अपनाना चाहिए जिससें मरीज की सही तरीके से सेवा हो सके।
पेसिफिक विश्वविधालय के डीन पीजी स्टडीज एवं कार्यक्रम के कार्डिनेटर डाॅ.हेमन्त कोठारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम की कोर्स बुक का भी विमोचन किया गया।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन 23 अप्रैल को डॉ. राजरानी शर्मा बेसिक आॅफ हॉलिस्टिक हेल्थ केयर सर्विसेज़ पर, डॉ.महेन्द्र खत्री प्रीसर्विंग द हेल्थ/प्रिवेंटिव हेल्थ पर,कोड ऑफ़ एथिक्स फाॅर डॉक्टर्स पर डाॅ.विनोदनी वराहाडे,सोशियल रिपोन्सिविटी आॅफ हाॅस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक्स क्लिनिक पर डॉ.कपिल ब्यास विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से अपना प्रजेंटेशन देगें।
कार्यक्रम में 24 अप्रैल एथिक्स फाॅर पैरामेडिकल पर्सनल पर डॉ.हरीश कुमावत, एथिक्स इन मेडिकल इन्वेस्टिगेशन पर डॉ.ऋतु भटनागर, सर्जिकल एथिक्स पर डॉ.एम.एम. मंगल एवं रोल आॅफ स्प्रिच्यूलिज्म इन हेल्थकेयर सर्विसेज़ पर डॉ. अतुलाभ वाजपेयी अपना व्याख्यान देगें।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के अंतिम दिन 25 अप्रैल को डॉ.पुष्पकांत शाकद्वीपी ह्नयूमन रिसोर्स मैनेजमेंट एंड रोल ऑफ़ इमोशनल इंटेलिजेंस इन मैनेजिंग हेल्थकेयर सर्विसेज़ पर अपना व्याख्यान देंगे तो वही विशिष्ठ व्याख्यान के रूप में मोरवी से पधारे डॉ. जयंती भाई भाडेसिया  प्राचीन स्वास्थ्य प्रणाली पर अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देगें।


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