वोट

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Published on : 22 Apr, 24 14:04

डॉ प्रेरणाश्री गौड़

वोट

चारों ओर शोर है

वोट दो वोट दो

सुनते सुनते

व्यथित हो गया मन 

प्रश्नों की बौछार

करने लगा मन

आम आदमी

महंगाई से तोड़ता दम

वोटो की राजनीति से क्यों खेलता 

नेता हरदम ?

युवा बेरोजगारी की मार झेलता

चप्पल घिसता तोड़ता दम

वोटो की राजनीति से क्यों खेलता नेता हरदम?

असुरक्षा के घेरे से घिरी महिलाएं

तोड़ती है दम

वोटो की राजनीति से क्यों खेलता नेता हरदम?

एक तरफ आदर्श राम राज्य की स्थापना का बिगुल बजाता

दूसरी तरफ धर्म के नाम पर हिंसा फैलाता

वोटो की राजनीति से क्यों खेलता नेताहरदम ?

बड़े-बड़े वादे करता, जनता को इकट्ठा करता

बदलाव की मांग करता , अपने वादों को तोड़ देता

वोटो की राजनीति से क्यों खेलता नेता हरदम ?

 


साभार :


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