बीएन के प्राचीन जल श्रोतों का पूजन और चित्र प्रदर्शित

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Published on : 22 Mar, 24 23:03

जल है तो कल है’’ संदेश के साथ भूपाल नोबल्स स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय विज्ञान विभाग ने विश्व जल दिवस मनाया बीएन के प्राचीन जल श्रोतों का पूजन और चित्र प्रदर्शित 

बीएन के प्राचीन जल श्रोतों का पूजन और चित्र प्रदर्शित

उदयपुर  भूपाल नोबल्स स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग, जियोलॉजी  द्वारा विश्व जल दिवस पर क्रमशः प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन अधिष्ठाता डॉ. रेणु राठौड़, सह अधिष्ठाता डॉ. रितु तोमर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता राठौड़ और डॉ हेमंत सेन के दिशा निर्देश में हुआ ।विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता राठौड़ ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1992 में विश्व जल दिवस को मान्यता प्रदान की गई। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पानी की कमी से हो रहे संकट और लोगो में पानी की कमी से होने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना है। विद्यार्थियों को यह संदेश दिया गया कि जल के संकट को हल करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना सहयोग प्रदान करना होगा, तथा हम सभी को जल का उपभोग करने के तरीक़े बदलने होंगे जिससे जल संकट को काफ़ी हद तक टाला जा सके। डॉ. अभिमन्यु राठौड़, डॉ.सबिहा सिंधी, निरजा शेखावत एवं रिधिमा शक्तावत ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योत्सना शेखावत ने किया । इस कार्यक्रम के प्रथम विजेता ‘ओसियन ग्रुप’ के श्रेष्ठा मराठा, हेमेंद्र मेघवाल, राशि लड़ौती, शिवानी राठौड़ रहे तथा द्वितीय विजेता ‘सी ग्रुप’ के नारायण देवासी, निवेदिता सोनी, वेदिका प्रजापत, छैयां जैन रहे ।

चित्रकला विभाग ने संस्थान की 400 साल पुरानी बावड़ी को मांडवो व रंगोली से पूजन कर विश्व जल दिवस मनाया गया। बीएन् संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कर्नल  प्रो.एस.एस.सारंगदेवोत, सचिव डॉ एम.एस.आगरिया और प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने इस तरह के आयोजन के लिए बधाइयाँ प्रेषित करते हुए कहा की ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते है । यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. कमल सिंह राठौड़ ने दी।

 


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