एशिया - पेसिफिक देशों में महात्मा गांधी संस्थान करेगा भावात्मक संवेदना व टिकाऊ विकास पर शिक्षण व अनुसन्धान – प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा

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Published on : 04 Dec, 23 14:12

एशिया - पेसिफिक देशों में महात्मा गांधी संस्थान करेगा भावात्मक संवेदना व टिकाऊ विकास पर शिक्षण व अनुसन्धान – प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा

यूनेस्को संचालित महात्मा गांधी शान्ति व टिकाऊ विकास संस्थान द्वारा आगामी वर्ष 2024 में भारत ,बांग्लादेश , भूटान श्रीलंका, नाईजीरिया , केन्या , जार्डन , यूक्रेन आदि सहित एशिया पैसिफिक देशों में करुणा, भावात्मक संवेदना, जैव विविधता , ग्लोबल सिटिजनशिप डिजिटल रेडिनेस व टिकाऊ विकास के विषयों पर में सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे । यूनेस्को के इस प्रथम श्रेणीक शिक्षा व अनुसन्धान संस्थान महात्मा गाँधी शान्ति व टिकाऊ विकास संस्थान के अध्यक्ष एवं पैसिफिक विश्वविधालय समूह के समूह अध्यक्ष, प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने बतलाया कि दिसम्बर 1 व 2 को दिल्ली में सम्पन्न संस्थान के संचालक मण्डल की 11 वी वार्षिक बैठक में एशिया पेसेफिक देशों में बड़ी संख्या में मास्टर ट्रेनर्स तैयार कर बड़ी संख्या में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा । ये प्रशिक्षित शिक्षक इन सभी देशो में छात्रों को इन सभी विषयों पर सघन अभ्यास करायेगें।

प्रोफेसर शर्मा की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई संचालक मण्डल की इस बैठक में अमेरिका, जापान इंडोनेशिया व कोरिया आदि देशों के प्रतिनिधियों के साथ प्रतिनिधियों के अतिरिक्त संस्थान के मलेशियाई निर्देशक अनन्ता दुरियप्पा, यूनेस्कों की क्षेत्रीय निदेशक सूहयू किम और एवं यूनेस्को के नई दिल्ली के क्लस्टर आफिस निदेशक तिमोथी कर्टिस ने भी ऑब्ज़र्वर के रूप में बैठक में भाग लिया।

महात्मा गांधी संस्थान, इन सभी देशों के शिक्षा विभागों से सहयोग के लिए एम.ओ.यू हस्ताक्षरित कर रहा है। भारत में भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान परिषद, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं दिल्ली के शिक्षा विभाग के साथ समझोता ज्ञापन हस्ताक्षरित कर संस्थान दिल्ली के शिक्षा विभाग में 1000 मास्टर ट्रेनर विकसित कर दिल्ली के विधालयों के 50000 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर चुका है। संस्थान दस देशों में अब तक 1.5 लाख शिक्षकों व 35000 युवाओं को सीधे प्रशिक्षित कर चुका है। यूनेस्को द्वारा संचालित विश्व के नौ संस्थानों में महात्मा गाँधी संस्थान प्रथम श्रेणी का संस्थान है। संस्थान आगामी सत्र में इन सभी देशों के डिजिटल रेडिनेस स्तर का भी मूल्यांकन करने जा रहा है एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग में नैतिकता व मूल्य परकता का भी आकलन करेगा।


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