भीलवाड़ा दादीधाम रोड़ फ्लोरा पार्क के पास - नेमिनाथ पंच कल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव आज दिनांक 26 नवम्बर से प्रारम्भ होकर 30 नवम्बर तक चलेगा। इसमें चतुर्थ दिन ज्ञान कल्याणक मंे प्रातः 6.30 बजे से - जाप्यानुष्ठान, अभिषेक, शांतिधारा, जन्म नित्य नियम एवं तप कल्याणक पूजन, मुनिराज की दिव्य देशना, 48 मंत्र संस्कार मालारोपण विधि, अंकन्यास, मंत्रन्यास, चतुर्दिक्षु, होम संस्कार, नयनोन्मीलन, गंध आराधना, सूरिमंत्र, प्राण प्रतिष्ठा, केवल ज्ञानोत्पति, समवशरण रचना, दिव्य ध्वनि, 48 दीपों से आरती, शास्त्र सभा आदि कार्यक्रम हुये एवं भव्य भंजन संध्या प्रसिद्ध भजन सम्राष्ट रूपेश जैन एवं पार्टी द्वारा की गई।
समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि शांतिधारा का विनोद कुमार मंजू गोधा परिवार, पाद प्रक्षालन का जिनेन्द्र सुनिता पाटनी परिवार, शास्त्र भेंट का महिला महासमिति एवं त्रिशला महिला मण्डल, महाआरती का मान देवी पवन कमल महावीर संजय अंशुल राहुल गोधा गुलाबपुरा परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ एवं मंगलाचरण पार्श्वनाथ महिला मण्डल शास्त्रीनगर द्वारा किया गया।
भगवान के केश राजकुमार सुमन बड़जात्या, समवशरण रचना का उद्घाटन मैना जैन, समवशरण की आरती राकेश हिमांशु पाटनी परिवार द्वारा 46 दीपों से की गई। केवलज्ञान समवशरण आरती टीकमचन्द छाबड़ा परिवार द्वारा की गई। सूर्य मंत्र से मंत्रित स्वर्ण शलाका का सौभाग्य सुरेश कुमार हिमांशु पाटनी को सौभाग्य प्राप्त हुआ।
पंचकल्याणक महोत्सव के चतुर्थ दिवस ज्ञान कल्याणक के महत्व को बताते हुए मुनि आदित्य सागर महाराज ने बताया कि समवशरण के महत्व को बताते हुए श्रावकों को दो मुख्य कर्तव्य दान और पूजा का महत्व बताया एवं जीवन में कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने का सन्मार्ग बताया।
जन्म कल्याणक के अवसर पर अर्घ चढ़ाये गये, विश्व शांति के लिये महायज्ञ किया गया। मुनि नेमिनाथ पड़गाहन के समय सैकड़ांे श्रावक-श्राविकाऐं उपस्थित थे। नेमिनाथ मुनि की आहारचर्या नंवधाभक्ति के साथ हुई, जिसमें सभी श्रावक-श्राविकाआंे ने आहारदान का लाभ उठाया। दोपहर में 140 प्रतिमाओं को सूरि मंत्र की प्रक्रिया मुनि आदित्य सागर द्वारा प्रारंभ की गई। भव्य भजन संध्या प्रसिद्ध भजन सम्राट रूपेश जैन एवं पार्टी द्वारा की गई।
मीडिया प्रभारी भागचन्द पाटनी ने बताया कि 30.11.2023 गुरूवार को पांचवें दिवस मोक्ष कल्याणक पर प्रातः 6.30 बजे से - जाप्यानुष्ठान, अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम एवं ज्ञान कल्याणक पूजन, ऊर्जयन्त गिरी से नेमिनाथ प्रभु का मोक्ष गमन, अग्निकुमार द्वारा अग्नि संस्कार, निर्वाण महोत्सव, सिद्ध गुणानुरोपण मोक्ष कल्याणक पूजन, विश्वशांति महायज्ञ, मुनि श्री आर्शिवचन एवं आभार प्रदर्शन एवं भव्य गजरथ परिक्रमा आदि कार्यक्रम होगंे।