खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की पहल (इनिसिटिव)’’ विषयक वार्ता आयोजित

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Published on : 02 Nov, 23 15:11

खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की पहल (इनिसिटिव)’’ विषयक वार्ता आयोजित


उदयपुर। माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएशन ऑॅफ इण्डिया, राजस्थान चेप्टर, उदयपुर एवं आर. क.े  मार्बल प्राईवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में इण्डियन माईंनिंग दिवस समारोह मोरवड माईन्स पर “खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की पहल (इनिसिटिव)’’ विषय पर आज मनाया गया। प्रत्येक वर्ष यह दिवस पूरे देश मंेे खनन उधोग से संबधित वर्तमान परिदृश्य, तकनीकी उन्नति के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएश न ऑॅफ इण्डिया की विभिन्न संस्थाओं द्वारा मनाया जाता है। उदयपुर चैप्टर के सदस्यों द्वारा आज आर. क.े  मार्बल की मोरवड माईंस का तकनिकी रूप से निरीक्षण किया गया ।
इस अवसर पर लगभग 60 खनि अभियताओं तथा भूवैज्ञानिकांे ने भाग लिया। निरीक्षण के दौरान विश्व की प्रसिद्ध आर के मार्बल माईन्स के अधिकारियो द्वारा मार्बल खनन के आधुनिक तकनिक पर विचार विमर्श किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एम एस पालीवाल, अध्यक्ष, एम.ई.ए.आई., उदयपुर एवं मुख्य अतिथि निर्मल कुमार जैन, डायरेक्टर आरके मार्बल थे। इस अवसर पर आर पी गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, एमईएआई द्वारा सभी अभियन्ताओ को शपथ दिलाई गई। एम एस पालीवाल, अघ्यक्ष एमईएआई द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों को अपर्णा पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया। इस अवसर पर खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की प्रक्रिया में एमईएआई उदयपुर चैप्टर द्वारा इस विषय महत्व हेतु तकनीकी वार्तारखी जा रही है जिससे इस क्षेत्र मे काम करने वाले खनि अभियतांओ, छात्र-छात्राओं को जानकारी दी जा सके।
 इस अवसर पर विनोद जांगिड़, सीईओ-आईबीयु, लोकेशन हेड एसके आर डी, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा  भुमिगत खदानो में “खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की पहल (इनिसिटिव)’’ पर एक तकनिकी प्रस्तुतीकरण किया गया एवं बताया कि खनन कंपनियो द्वारा 2050 तक शुन्य डीकार्बानाइजेशन का उद्देश्य रखा गया है। बिजली आपुर्ति में नवीनीकरणीय उर्जा जोड़ने के लिए नई प्राद्योगिकियों, नवाचारो का लाभ उठाना, खनन प्रक्रियाओ में सुधार करना, ईधन को नवीनीकरण स्रोतो मंे बदलना, अपशिष्ट को कम करना और परिवहन को अनुकुलित करना शामिल है। खनन कम्पनियों के लिये कार्बन कटौती के लिए एक अच्छा पहला कदम बिजली की आपुर्ति को साफ करना है। खदानों में जीवाश्म ईधन के उपयोग में कमी करके बैटरी इलेक्ट्रीक वाहन का उपयोग से कार्बन का शुन्य उत्सर्जन, 30 प्रतिशत मंेटेनेन्स लागत एवं संचालन लागत, ध्वनि प्रदुषण को कम किया जा सकता है एक विशिष्ट खदान में 4.2 टन कार्बन डाई ऑक्साईड प्रतिमाह/प्रतिमशीन तक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पवन उर्जा, सौर उर्जा और बायोमास के उपयोग से भी डीकार्बोनाइजेशन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 2050 तक केवल एक तिहाई पानी ही रहेगा इसलिये आने वाली पीढी के लिये अब हमारे पास केवल 27 साल ही है अतः हमे जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा।  
ए के कोठारी, पूर्व नेशनल प्रेसीडेन्ट, एमइएआई, उदयपुर द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि माईनिग एसोसिएशन द्वारा विभिन माध्यमो विभिन्न माध्यम जैसे कि वृक्षारोपण, सामाजिक कार्यक्रम, सेमिनार, खदान में होने वाले तकनिकी बदलाव, नवाचार द्वारा खनन कार्य किया जाता है।
आज के वक्ता द्वारा डीकार्बोनाइजेशन की पहल पर जो तरीके सुझाये गए है उससे निश्चित तौर पर खनन उधोग में कार्बोनाइजेशन में कमी आएगी और निश्चिित तौर पर खदानो का वातावरण शुद्ध होगा जो कि आने वाली पीढी के लिये सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर एसोसिएशन द्वारा खदानो में “खनन उधोग में डीकार्बोनाइजेशन की पहल (इनिसिटिव)’’ पर एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमे पांच कॉलेज के 49 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान पर रहे श्री सुमित प्रजापत, सी.टी.ए.ई के छात्र को रूपये 3100 एवं सर्टिफिकेट, द्वितीय स्थान पर रही सुश्री डोली पालीवाल, सी.टी.ए.ई की छात्रा को रूपये 2100 एवं़ सर्टिफिकेट एवं श्री राहुल छापरवाल, सी.टी.ए.ई की छात्र को रूपये 2100 एवं तृतीय स्थान पर दो छात्रों को सुश्री श्रेया नोशलिय, सीटीएई, एवु सुश्री माया जाट, सीटीएई कॉलेज उदयपुर को रूपये 1100 एवं सर्टिफिकेट दे कर परूस्कृत किया गया एवं सर्वश्री दीपक जागिड़, प्रवीण विशनोई, श्री पृथ्वीराज सिंह राणावत प्रत्येक को 500 रूपये, सांत्वना पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में आसिफ एम अंसारी, सचिव द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया व कार्यक्रम का संचालन मकबूल अहमद ने किया।


 

 

 

 

 


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