बचपन से टेढ़ी रीढ़ की हड्डी की पीएमसीएच में  सफल सर्जरी

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Published on : 11 Oct, 23 12:10

स्कोलियोसिस नामक बीमारी से पीडित था बच्चा

बचपन से टेढ़ी रीढ़ की हड्डी की पीएमसीएच में  सफल सर्जरी

उदयपुर,। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल,भीलों का बेदला में 14 बर्षीय बच्चें की रीढ़ की हड्डी के टेडापन (स्कोलियोसिस) बीमारी की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवनदान दिया।
निम्बाहेडा के रानीखेडा निवासी 14 बर्षीय बच्चा पिछले कई बर्षो से सीधा खड़ा नहीं हो पाता था। जैसे ही वह खड़ा होता उसका शरीर एक तरफ झुक जाता। बच्चें के परिजनों की मानें तो वह जब आठ-दस साल का था तब से उसका शरीर कमर के पास से टेढ़ा सा नजर आता था। कई अस्पतालों में दिखाने के बाद भी जब आराम नहीं मिला तो परिजन उसे भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल लेकर आए यहां स्पाइन सर्जन डॉ.दीपक अग्रवाल ने उसकी जांचें की तो पता चला कि उसे स्कोलियोसिस (रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन) की बीमारी है।
इसके बाद अस्थि रोग विभाग के डॉ.आर.एन.लढ्ढा,स्पाइन सर्जन डॉ.दीपक अग्रवाल,डॉ.अनुरोध शाडिल्य की टीम ने उसकी सर्जरी की। इस सर्जरी में बच्चें की रीढ़ की हड्डी जो 58 डिग्री थी उसे ऑपरेशन के माघ्यम से 15 डिग्री पर लाया गया। करीब पॉच सें छह घंटे के ऑपरेशन के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन ठीक किया।
इस ऑपरेशन में एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.समीर गोयल,डॉ.विक्रम सिंह और आईसीयू एवं क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. मनिन्दर का विशेष सहयोग रहा।
जन्मजात हो सकती है समस्या
पीएमसीएच के स्पाइन सर्जन डॉ.दीपक अग्रवाल ने बताया कि ऐसी समस्याएं कुछ बच्चों में जन्मजात भी हो सकतीं हैं। कुछ बच्चों में यह समस्या जल्दी दिख जाती है कुछ बच्चों की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है स्पाइन का टेढ़ापन नजर आने लगता है। इस बच्ची की स्पाइन की समस्या भी नौ- दस साल से नजर आने लगी थी।
बच्चे का चिंरजीवी योजना के साथ साथ हॉस्पिटल मैनेजमेन्ट के सहयोग से निःशुल्क इलाज किया गया। परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल एवं एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल को धन्यवाद दिया। बच्चा अभी पूरी तरह से ठीक है साथ ही बच्चे के परिजन भी बच्चें के पूरी तरह से सही होने से काफी खुश है।


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