मोबाइल में घंटों चौटिंग करके अपने पांव पर कुल्हाड़ी न चलाएं - राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ जी

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Published on : 01 Oct, 23 03:10

मोबाइल में घंटों चौटिंग करके अपने पांव पर कुल्हाड़ी न चलाएं - राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ जी

उदयपुर राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि आजकल मोबाइल ने बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको आलसी बना लिया है। जिस मोबाइल का आविष्कार समय और शक्ति की बचत करने के लिए हुआ था, आज वही सबसे ज्यादा हमारे समय को बर्बाद कर रहा है। आज के समय में अगर कोई सबसे बड़ी बुरी लत है तो वह है मोबाइल का ज्यादा उपयोग करना, जिसके चलते बच्चे न तो खेलकूद कर पा रहे हैं, न पढ़ाई पर कंसंट्रेट हो पा रहे हैं और न ही अपने घर वालों का सहयोग कर पा रहे हैं। मोबाइल में गेम खेलने, मूवी देखने, सोश्यल मीडिया पर घंटों चौटिंग करके हम अपने ही हाथों अपने पाँवों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं।
संतप्रवर शनिवार को जैन दादाबाड़ी, मेवाड़ मोटर्स की गली, सूरजपोल में 5 दिवसीय प्रवचनमाला के समापन पर युवा भाई-बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए उडऩा शुरू करो, उड़ नहीं सकते तो दौडऩा शुरू करो, दौड़ नहीं सकते तो चलना शुरू करो, चल नहीं सकते तो सरकना शुरू करो, पर कोशिश अवश्य करते रहो। हार के डर से आगे बढऩा मत छोड़ो। ठोकर के डर से चलना छोड़ देंगे, घाटे के डर से बिजनेस करना छोड़ देंगे तो जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाएँगे। भाई नरेन्द्र मोदी केवल राजयोग के चलते प्रधानमंत्री नहीं बने हैं। उनकी सफलता के पीछे अगर सबसे बड़ा कोई कारण है तो वह है उनकी एक्टिवनेस। वे सुबह 4रू30 बजे जगकर रात को 11 बजे तक निरंतर काम करते रहते हैं, इसी के चलते वे विश्व के महान लोगों में शरीक हो गये।
उन्होंने कहा कि पहली आदत है रू सूर्याेदय से पहले जगें। जो फायदा देर तक सोने में है उससे 10 गुना फायदा जल्दी जग कर काम करने में है। दुनिया में जितने भी बड़े लोग हैं वे सुबह जल्दी जगते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे खुद भी जल्दी उठें और बच्चों को भी जल्दी उठाएँ। दूसरी आदत है - सुबह मुस्कुराते हुए जगें, तीसरी आदत है - सुबह शौच और स्नान करके फ्रेश हो जाएँ, चौथी आदत है - सुबह 10 मिनट व्यायाम या मॉर्निंग वॉक करें, पाँचवीं आदत है - लगभग 15 मिनट आती-जाती साँसों पर मेडिटेशन करें, छठी आदत है - सोने से पहले अच्छी पुस्तकें अवश्य पढ़ें। दूसरों को गुलदस्ता, लिफाफा गिफ्ट में देने की बजाय सत्साहित्य उपहार स्वरूप देवें। छठी आदत है - दिनभर किए जाने वाले कार्यों की सूची बनाएँ ताकि आप कम समय में ज्यादा काम कर सकें और अंतिम आदत है - खुद को रोज मोटिवेट करें ताकि आप जीवन के हर सेकंड को एनर्जी के साथ जी सकें।
इस अवसर पर खरतरगच्छ महिला मण्डल में गुरूभक्ति में शानदार भजन की प्रस्तुति दी।
 


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