राज्य मे मत्स्यकि विकास के लिए नवीन प्रोधयोगिकी आवश्यक- डॉ शर्मा

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Published on : 11 Sep, 23 04:09

राज्य मे मत्स्यकि विकास के लिए नवीन प्रोधयोगिकी आवश्यक- डॉ शर्मा

उदयपुर | मत्स्य विभाग, (राजस्थान सरकार) उदयपुर द्वारा फतह सागर स्थित उपनिदेशक कार्यालय में राजस्थान मिशन-2030 के तहत एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।   परिचर्चा मे  विषय विशेषज्ञ  डॉ. एल.एल. शर्मा पूर्व डीन, फिशरीज कॉलेज, उदयपुर, डॉ. सुबोध शर्मा, पूर्व डीन, मत्स्य विकास अधिकारी डॉ दीपिका पालीवाल अन्य कार्मिक, बीएन कॉलेज, उदयपुर के संकाय सदस्य और छात्र छात्राएं, फिशरीज कॉलेज, उदयपुर के  छात्र, मछली पालक और मत्स्य कृषकों सहित 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।  डॉ. धर्मेश सोडानी, उप निदेशक मत्स्य पालन, उदयपुर ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग के 2030 तक के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए मिशन 2030 पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए राजस्थान सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने गुणवत्ता पूर्ण मत्स्य बीज उत्पादन  और प्रधान मन्त्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. अकील अहमद ने किया।  उन्होंने बताया कि परिचर्चा मे राज्य में मछली एवं बीज उत्पादन में प्रगति लाने के लिए परिचर्चा मे प्राप्त सुझावों को संकलित कर राज्य सरकार को भेजा जायेगा।
 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एल. एल. शर्मा ने विजन 2030 में शामिल करने के लिए राजस्थान में मत्स्य पालन की वर्तमान स्थिति, अंतराल और भविष्य की संभावनाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने विभाग में प्रशिक्षित पेशेवरों की भर्ती और क्षेत्र में पोस्टिंग से पहले उनके अभिविन्यास पर जोर दिया।  उन्होंने गुणवत्तापूर्ण बीज, वैज्ञानिक जलीय कृषि, जलाशय मत्स्य पालन में उन्नत तकनीक के प्रयोग, हितधारकों के प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर मत्स्य पालन प्रथाओं में विविधीकरण, उचित विपणन और प्रसंस्करण आदि की आवश्यकता भी बताई।
 डॉ. सुबोध शर्मा ने मत्स्य पालन संस्थानों, विशेष रूप से एमपीयूएटी, उदयपुर में राजस्थान के एकमात्र मत्स्य पालन कॉलेज की संकाय शक्ति को मजबूत करने पर जोर दिया जिससे आने वाले समय मे मत्स्य पालन क्षेत्र में अधिक योग्य और कुशल अधिकारी मिल सकेंगे। उन्होंने देशी मछली प्रजातियों के संरक्षण और उनके अनुवांशिक सुधार, मछली बीज उत्पादन में वृद्धि और लीजिंग नीति को अद्यतन करने और समय की आवश्यकता के अनुसार राज्य मत्स्य पालन नियमों मे आवश्यक सुधार पर भी जोर दिया।
 सहायक निदेशक, मत्स्य सर्वेक्षण एवं अन्वेषण डॉ. अनिल कुमार जोशी ने विभागीय प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रारंभ में मिशन 2030 के महत्व दर्शाते मुख्यमंत्री जी के वीडियो संदेश का भी प्रदर्शन किया गया।  राजस्थान मिशन-2030 के तहत सभी प्रतिभागियों से सुझाव आमंत्रित किये गये। इस अवसर पर 12 प्रतिभागियों ने सुझाव दिये जिन्हें संकलित कर विजन डाक्यूमेंट-2030 में सम्मिलित करने हेतु मत्स्य निदेशालय, जयपुर को भेजा जायेगा। सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किये और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।


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