डी-लिस्टिंग हुंकार रैली - जनजाति बंधुओं के स्वागत में सजेगा शहर, जनजाति संस्कृति से दमकेंगे चौराहे

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Published on : 01 Jun, 23 05:06

डी-लिस्टिंग हुंकार रैली - जनजाति बंधुओं के स्वागत में सजेगा शहर, जनजाति संस्कृति से दमकेंगे चौराहे

उदयपुर। जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के आह्वान पर उदयपुर में 18 जून को होने वाली डी-लिस्टिंग हुंकार रैली में राज्य भर से आने वाले जनजाति बंधुओं की आवभगत में उदयपुर शहर का सर्वसमाज जुटेगा। साथ ही, जनजाति बंधुओं के स्वागत में शहर को सजाया जाएगा।

डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली के संयोजक नारायण गमेती ने बताया कि 18 जून को होने वाली इस डी-लिस्टिंग महारैली में राज्य भर से जनजाति बंधु आ रहे हैं। उनके शहर में प्रवेश के स्थलों पर पार्किंग से लेकर जलपान तक की व्यवस्थाएं की जाएंगी। विभिन्न दिशाओं से प्रवेश करने वाले जनजाति बंधु शहर के पांच स्थलों पर एकत्र होंगे और वहीं से वे ढोल-मंजीरे, थाली-मांदल आदि पारम्परिक वाद्यों को बजाते नाचते-गाते रैली के रूप में सभा स्थल की ओर बढ़ेंगे। रैलियां एमबी ग्राउंड, आरसीए, महाकाल मंदिर, फील्ड क्लब और नगर निगम से शुरू होंगी। रैलियों का आरंभ संतों की अगुवाई में श्रीफल शगुन वंदन से होगा।

इन स्थानों से रैलियां विभिन्न मार्गों से होते हुए सभा स्थल महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंचेंगी। रैली के मार्गों को भी पताकाओं से सजाया जाएगा और शहर के विभिन्न संगठनों की ओर से शीतल पेय व अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी। विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा से भी स्वागत किया जाएगा। सभास्थल पर सभा के मुख्य मंच के अतिरिक्त एक और मंच बनाया जाएगा जहां जनजाति बंधु अपनी पारम्परिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।

शहर के चौराहों पर भी सजावट की तैयारी की जा रही है। चौराहों को जनजाति संस्कृति के अनुरूप सजावट की योजना बनाई गई है। इसके लिए शहर के विभिन्न संगठन जिम्मेदारी उठा रहे हैं। सजने वाले चौराहों में मुख्य रूप से सूरजपोल, देहलीगेट, हाथीपोल, चेतक सर्कल, ईंटभट्टा, राणा पूंजा सर्कल, गवरी सर्कल, सुभाष चौराहा, महाकाल, चेतक सर्कल, फतहपुरा, बोहरा गणेश जी, राड़ाजी चौराहा, कोर्ट चौराहा, पंचवटी, सीए सर्कल आदि शामिल हैं।

महारैली के सह संयोजक भैरूलाल मीणा ने बताया कि पूरे राजस्थान से एक लाख से अधिक जनजाति बंधुओं के आगमन पर उनके भोजन की व्यवस्था भी उदयपुर शहरवासी करेंगे। घर-घर से भोजन पैकेट एकत्र किए जाएंगे जिन्हें कार्यकर्ता उन पांचों स्थलांे तक पहुंचाएंगे जहां पर विभिन्न दिशाओं से आने वाले वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। रैली में पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए सभी से पॉलिथीन का उपयोग विकल्प उपलब्ध नहीं होने पर ही करने का आग्रह किया गया है।

उल्लेखनीय है कि डी-लिस्टिंग महारैली जनजाति समाज के हक और उनकी संस्कृति को बचाने के लिए आहूत की जा रही है। इस महारैली के माध्यम से यह मांग उठाई जाएगी कि जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते प्रदत्त सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। जब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए संविधान में यह नियम लागू है तो अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म बदलने वाले अपनी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल आदिवासी अपनी ही मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। इस महारैली में पूरे राजस्थान से जनजाति समाज के लोग अपनी पारम्परिक वेशभूष एवं वाद्ययंत्रों के साथ एकत्र होंगे और धर्म बदलने वालों से एसटी का स्टेटस भी हटाए जाने की मांग उठाएंगे। महारैली को लेकर राजस्थान के हाड़ौती, मेवाड़, वागड़, कांठल, भोमट और मारवाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले जनजाति समाज सहित अन्य समाजों में जागरण-सम्पर्क का दौर जारी है।


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