समाजसेवी, प्रशानिक अनुभव से आर. डी.मीनाबने विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन

( 6709 बार पढ़ी गयी)
Published on : 30 May, 23 09:05

डॉ.प्रभात कुमार सिंघल, कोटा

समाजसेवी, प्रशानिक अनुभव से आर. डी.मीनाबने विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन

हंसमुख, मिलनसार, सब के मददगार,  समाजसेवी और कुशल प्रशासक आर. डी.मीना अब पांच साल के लिए जय मिनेश आदिवासी विश्वविद्यालय रानपुर के चेयरपर्सन के रूप में अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। हाड़ोती के इस लाल ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में कोटा में विभिन्न पदों पर अपनी अद्भुत कार्य शैली से अमिट छाप छोड़ी है। उनकी कार्य शैली का ही सुफल उन्हें सेवा निवृत्ति के साथ उनकी नेतृतावशीलता को देखते हुए विशेषाधिकारी नगर विकास न्यास के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। यहां भी उन्होंने अपनी प्रशासनिक योग्यता और अनुभव का लोहा मनवाया और शहर के विकास के समस्त प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने में अथक परिश्रम से नीव से निर्माण तक पहुंचाया।
     यही नहीं आप मीना समाज के सर्वांगीण उत्थान , शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कुरितियों के उन्मूलन में यथा शक्ति सतत रूप के समाजसेवा में क्रियाशील बने रहे। समाज सेवा के उनके अनेक सोपानों में इस विश्वविद्यालय की स्थापना उनका स्वर्णिम स्वप्न रहा। उनके लिए इस से बड़ी संतोष की बात क्या होगी की जिस विश्वविद्यालय को वे निर्माण तक ले गए , उपहार स्वरूप चेयरपर्सन के रूप में सेवा कर शिक्षा विकास का सुअवसर प्राप्त करने का सौभाग्य भी उन्हें ही मिला। 
      मुझे भी इनके साथ जन संपर्क अधिकारी के रूप में कार्य करने का निकट अवसर प्राप्त हुआ। सबके साथ समान व्यवहार किसी के साथ भेदभाव नहीं की कार्य शैली से वे सदैव न केवल अपने सहयोगी कर्मियों में वरन राजनैतिक पार्टियों में भी लोकप्रिय रहे। हर समय सभी के दुख दर्द में भागीदार रहते थे। सरकार चाहे किसी की हो सभी कोटा के स्थानीय नेता इनकी विलक्षण कार्य शैली से हमेशा प्रभावित रहें। चाहे कलेक्टर हो या कमिश्नर या जयपुर से आने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारी सभी की जुबान पर रहते थे आर. डी.मीना। मैंने देखा कि ये मीडिया फ्रेंडली भी कम नहीं थे और आज तक मीडिया में इनकी लोकप्रियता बरकरार है। 
     आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि ये नए जोश के साथ अपनी नई जिम्मेदारी को उसी शिद्दत से बुलंदियों तक पहुंचाएंगे जैसा की अब तक का कार्य करने का इनका इतिहास रहा है। इनके अनुभव और कुशल प्रशानिक नेतृत्व में विश्वविद्यालय ऊंचाइयों को छुए सभी की इस ओर निगाहें हैं। अप्रतिम सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
 परिचय 
 झालावाड़ जिले के खानपुर में एक किसान परिवार में जन्में ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े और  चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चले गए। मनोहरथाना में प्रारंभिक शिक्षा के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में अधिस्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद 1982 से 1989 तक भरतपुर के डीग राजकीय कॉलेज, सरदार शहर ,झालावाड़ राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। आप 1989 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर 26 साल तक सेवाएं प्रदान की। सेवाकाल का अधिकांश समय  कोटा में  अतिरिक्त संभागीय, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर विकास न्यास सचिव सहित विभिन्न विभागों में अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से तो अलग पहचान बनाई । 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.